Sunday, October 25, 2015

जीना सीख रहे हैं, अब उनके बगैर हम

जीना सीख रहे हैं, अब उनके बगैर हम ,
जैसे आलू बिना बनाये, कोई सब्जी आलू दम।

पचासवीं बार साल में, जब वे मिलकर जुदा हुए,
उनने उनको 'बेवफा' कहा, उनने हंसकर कहा 'सनम'।
...
कमरे से उनने हांक लगाई, आओ जरा लड़ाई करें
हड़काया,कहा-आते हैं सबर करो,खाओ जरा सा गम।

कनपुरियों ने जरा त्यौहार में, भौकाल सा दिखा दिया,
हल्ला मचा टीवी में, कि चल गए कट्टे औ देशी बम।

-‪#‎कट्टाकानपुरी

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