Thursday, December 01, 2011

…एक ब्लॉगर-पत्नी के नोट्स

http://web.archive.org/web/20140419214006/http://hindini.com/fursatiya/archives/2412

…एक ब्लॉगर-पत्नी के नोट्स

कल का दिन हमारे घरेलू जीवन में ऐतिहासिक टाइप का रहा। कल दोपहर को हमारी श्रीमती जी का फोन आया। हम एक मीटिंग में थे सो कहा अभी बात करते हैं। कुछ देर बाद जब फोन किया तो पता चला उन्होंने अपने ऑफ़िस में खाली समय का दुरुपयोग करते हुये अपनी डायरी में कुछ लिख डाला। हमने उत्साहित होकर कहा -अरे वाह! सुनाओ जरा! उन्होंने जो सुनाया वह यह था:

तुम तो ऐसे न थे

मैं अक्सर सोचती हूं कि
तुम्हारे दफ़्तर से लौटने पर
हम साथ-साथ चाय पियेंगे,
टीवी देखेंगे, बातें करेंगे।

बिना देखे देखेंगे किताबों में अपनी ही बातें
साथ ही किसी कोने में पड़ा रिमोट
बिना कहे सुनेंगे
इधर-उधर बिखरे अनकहे शब्द।
छूकर देखेंगे तुम्हारे में मेरा होना
और भी न जाने क्या कुछ!
लेकिन तुम्हारे लौटने पर
तुम्हारे हाथों में ब्लैकबेरी का मोबाइल
उसी में डूबते-तैरते-खिसकते हुये
तुम हो जाते हो कमरे से बाहर।
मैं तुम्हारे इंतजार में
कमरे को इधर-उधर ताकती हूं
आंखें मूंदकर सोचते हुये
समय को आगे-पीछे देखती हूं।
तुम्हारे कदमों की आहट से
मैं आंखें खोलती हूं
मोबाइल पर थिरकती उंगलियां अब
लैपटाप पर चलने लगती हैं।
मैं उनींदी आंखों से
फ़िर से अतीत में झांकती हूं
कभी-कभी यह भी सोचती हूं
तुम तो ऐसे न थे।

वैसे कविता में व्यक्त भावना का एहसास हमें बहुत पहले से था। हम आज से छह साल पहले ही लिख चुके हैं- हम जब से ब्लागर हुये घरवालों की नजरों में गिर गये है.गैरजिम्मेदार आइटम हो गये है। जिसको अपने ब्लाग के सिवा किसी से भी मतलब नहीं है। छह साल पहले की धारणा की पुष्टि इस कविता से हुई। हमारी ओस की बूंद और जीवन के उजास ने जो लिखा वह उनकी बड़ी दीदी के मुताबिक हमारे सारे नहलों पर झन्नाटेदार दहला रहा। सौ सुनार की एक लुहार की माना उन्होंने इस कविता को। अभी सतीश पंचम का पेटी-बाजा एपीसोड चल ही रहा था इसबीच यह व्यथा कथा सामने आ गयी। इससे पता चला है कि नियमित ब्लागिंग में जुटे जीवनसाथियों की क्या भावनायें होती होंगी। :)
श्रीमतीजी की डायरी देखने पर पता चला कि बात इस कविता तक ही नहीं सीमित रही। कुछ और लाइनें थीं जिनका लब्बो-उआब यह था कि हमको अपना ध्यान अपने बच्चे को पढ़ाने-लिखाने में लगाना चाहिये।
इसके अलावा कुछ और सम-सामयिक तुकबंदिया भी थीं। अपने आसपास के जीवन में बिखरे तमाम तनाव को समेटकर उन्होंने इस तुकबंदी में धर दिया है।

जिधर देखो प्रेसर ही प्रेसर

आफ़िस में बॉस का प्रेशर
घर में पति का प्रेसर
किचन में कुकर का प्रेसर
बस स्टाप पर बस का प्रेसर

जिधर देखो प्रेसर ही प्रेसर।
जनता पर मंहगाई का प्रेसर
बच्चों पर पढ़ाई का प्रेसर
सरकार पर अन्ना का प्रेसर
किराने पर वालमार्ट का प्रेसर
जिधर देखो प्रेसर ही प्रेसर।
सचिन पर सेचुंरी का प्रेसर
वकील पर कचहरी का प्रेशर
कुंआरों पर शादी का प्रेसर
देश पर आबादी का प्रेसर।
जिधर देखो प्रेसर ही प्रेसर।
अपनी पत्नी की डायरी के ये नोट्स हम उनसे पूछे बिना जबरिया पोस्ट कर रहे हैं। क्या पता इसके चलते कुछ और ब्लागर पत्नियों/जीवन साथियों के नोट्स सामने आ जायें। :)

66 responses to “…एक ब्लॉगर-पत्नी के नोट्स”

  1. आशीष 'झालिया नरेश' विज्ञान विश्व वाले
    सही है जी, बहुत प्रेसर है जी !
    आशीष ‘झालिया नरेश’ विज्ञान विश्व वाले की हालिया प्रविष्टी..स्ट्रींग सिद्धांत : परिचय
  2. सतीश पंचम
    ब्लॉगरी और फेसबुकौवल के चक्कर में गुम से हो चुके पति महोदय और उनसे परेशान पत्नि की पीड़ा को देख मेरा मन फिल्म ‘दो आँखें बारह हाथ’ की तर्ज पर पैरोडी गाना बनाने का
    कर रहा है।
    हमेशा ‘पेटी-बाजा’ (लैपटाप) में घुसे रहने वाले पतिदेव को देख पत्नी कहेंगी –
    कुछ दिनों से पिया हम से ना बोलता
    होsss
    कुछ दिनों से पिया हम से ना बोलता
    न हमारा घूँघटवा का पट खोलता
    इस गुप-चुप का …..
    इस गुप-चुप का भेद देखो आज निकला
    संईया तो बड़ा ‘पेटीबाज’ निकला :)
    सतीश पंचम की हालिया प्रविष्टी..जिन्दगी का एक एपिसोड ऐसा भी रहा……
  3. sanjay jha
    और……………बालक पे ब्लॉग-पोस्ट पढने का प्रेशर…………………पोस्ट पे टीपने का प्रेशर…………………….
    टिप पे पीटने का प्रेशर………………
    प्रणाम.
  4. सतीश सक्सेना
    @ हम जब से ब्लागर हुये घरवालों की नजरों में गिर गये है…
    क्यों सबको डरा रहे हो…….शुभकामनायें आपको !
  5. देवांशु निगम
    copyright violation….अब आपकी खैर नहीं….माफीनामा भी लिख डालिए मौका देख के…. :)
    देवांशु निगम की हालिया प्रविष्टी..साल्ट लेक सिटी ट्रिप…
  6. सिद्धार्थ जोशी
    ओह…
  7. sanjay bengani
    प्रिय, यह न समझो सब फोन-मोबाइल-लैपटॉप-ब्लॉगरी में डूबो दिया है, थोड़ा ध्यान तुम्हारे उपर भी रहा है, देखो तुम्हारा लिखा पोस्ट किया है.
  8. संतोष त्रिवेदी
    ऐसी झिडकियां हम तो दिन-रात सुनते रहते हैं,राहत की बात हमारे लिए इतनी ही है कि घर में हम अकेले ही लिक्खाड़ हैं. श्रीमतीजी मौखिक रूप से इतना सब-कुछ कह लेती हैं कि लिखने तक कुछ बचता ही न होगा.
    जो समय हमें परिवार को देना चाहिए,वह ई ब्लॉगरी लिए लेती है.
    इतने सारे प्रेसर में वकील पर कचहरी का प्रेशर वास्तविक है !
    संतोष त्रिवेदी की हालिया प्रविष्टी..जब हम गमज़दा हो जाएं !
  9. मनोज कुमार
    ढूंढ़्ते हैं। शायद मिल ही जाए।
    मनोज कुमार की हालिया प्रविष्टी..फॉरेन दूकान इंडिया में!
  10. चंदन कुमार मिश्र
    क्या पता ये पढते ही आपका इन्तजाम हो जाय कि सर्वाधिकार के बिना किसी अंश का किसी भी तरह उल्लेख या प्रकाशन गैर-कानूनी है…एक दिसम्बरिया लेख में आपको फालतू पाया…आपने ही कहा न कि जब से ब्लागर हो गये, तब से बेकार की चीज माने गैरजिम्मेदार आदमी हो गये घर में…
    चंदन कुमार मिश्र की हालिया प्रविष्टी..योद्धा महापंडित: राहुल सांकृत्यायन (भाग-3)
  11. arvind mishra
    ब्लैक बेरी की बधायी अगर पहले न दी हो तो -वाकई बड़ा महीन तरीका है ..
    arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..कौए की निजी ज़िंदगी
  12. aradhana
    सही तो है. हमारे जैसे अकेले रहने वाले लोग तो अपना अकेलापन दूर करने के लिए नेट से चिपके रहते हैं. आपलोगों का नेट प्रेम देखकर हमें आश्चर्य ही होता है कि क्या इससे घर में कलह मही होता होगा. इन नोट्स से बात समझ में आ गयी :)
    एलर्ट हो जाइए. ये एक चेतावनी है. कहीं ‘उनको’ भी नेटरोग लग गया ना तो खाने के लाले पड़ जायेंगे :)
    aradhana की हालिया प्रविष्टी..दिए के जलने से पीछे का अँधेरा और गहरा हो जाता है…
  13. घनश्‍याम मौर्य
    सही कहा। ब्‍लागिंग एक नशा है, लेकिन इसका मजा सिर्फ ब्‍लॉगर ही जानते हैं।
    घनश्‍याम मौर्य की हालिया प्रविष्टी..इंदिरा गोस्‍वामी जी का निधन
  14. Gyandutt Pandey
    यह मध्यवर्ग प्रेशर से परेशान है, पर जाने क्या बात है कि बिना कायमचूर्ण कमोड पर असहाय हो जाता है ये प्रेशर! :-)
    Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..आठ बिगहा पर आगे चर्चा
  15. Gyandutt Pandey
    और एक सलाह – श्रीमती शुक्ल का एक ठो कविता का ब्लॉग बनवा दीजिये। आपकी गैरजिम्मेदारी का इम्पैक्ट कुछ कम हो जायेगा!
    Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..आठ बिगहा पर आगे चर्चा
  16. rachna
    ज्ञान पाण्डेय – रीता पाण्डेय
    और अब आप भी आ ही गए पत्नी की पोस्ट अपने ब्लॉग पर लेकर
    बधाई
    हम तो उस दिन खुश हो जिस दिन तीनो पत्नियां अपना अपना ब्लॉग लिखे
  17. shikha varshney
    श्रीमती जी की इस काव्य क्षमता से आप पर जो प्रेशर है वह हम देख पा रहे हैं :).जल्दी जरा उनकी भावनाओं पर ध्यान दीजिए वर्ना प्रेशर ज्यादा हो गया तो कुकर फट भी सकता है :):).
    अपनी श्रीमती जी को सुन्दर कविता के लिए हमारी बधाई पहुंचाईयेगा .
    shikha varshney की हालिया प्रविष्टी..जीना यहाँ.. मरना यहाँ ..
  18. काजल कुमार
    पत्नी के हाथ बेलन की जगह क़लम हो तो सिर तो सलामत रहता ही है (इज़्जत की बात और है)
    :)
  19. रवि
    हाँय, ठेठ यही कविता तो आज हमारी श्रीमती जी ने भी हमें सुनाया. लगता है ब्लॉगरों की पत्नियों ने सामूहिक रूप से इस कविता को सुनाने का संकल्प कर लिया है कि शायद स्थिति (माने ब्लॉगरों में) में कुछ सुधार हो?
    और आपकी प्रेसरिया कविता पढ़के तो हमका भी प्रेसर आ गया.
    रवि की हालिया प्रविष्टी..आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ – Stories from here and there – 19
  20. देवेन्द्र पाण्डेय
    अभी आप भाग्यशाली हैं। शराफत से समझाया जा रहा है। बेचैन आत्मा नाम हमारी पत्नी का ही दिया है।
  21. प्रवीण पाण्डेय
    सच कहा, हम भी ऐसे न थे, छवि सुधारने के लिये क्या करना होगा।
    प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..Rim acquires Gist!
  22. प्रवीण पाण्डेय
    सच कहा, हम भी ऐसे न थे, छवि सुधारने के लिये क्या करना होगा हमें।
    प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..नये फिल्म समीक्षक
  23. Abhishek
    बड़ी ट्रेजडी है. ऊपर से प्रेसर.
    यूरोपियन वित्तीय समस्या के हल की तरह इसका भी एक ही समाधान दिख रहा है और वो है एक और नया ब्लॉग ! भले ही बेस्ट हल नहीं है लेकिन और कोई चारा भी तो नहीं है :)
    Abhishek की हालिया प्रविष्टी..माल में माल ही माल (पटना ९)
  24. Amit kumar Srivastava
    अब आपका तिलस्म टूटने वाला है..
    ऑफ़िस में ,जब आप मीटिंग में अति व्यस्त होंगे,उसी बीच भाभी जी का फ़ोन आयेगा “जरा बताइये ,बरह में “ज्ञ” कैसे लिखते हैं ????
    उनके ब्लाग का नाम दीजिये “फ़ुरसतिया की फ़ुरसत”
    Amit kumar Srivastava की हालिया प्रविष्टी.."वर्गमूल"
  25. ashish
    अरे हम तो प्रेसर में सरेंडर किये बैठे है . भौजी ने तो बहुत सुघर क्लास ले ली है आपकी .
  26. अंतर्मन
    वाह! भाभीजी को बधाइयां! बढ़िया लिखा है!
  27. anita
    ब्लोगर की पत्नी की व्यथा तो द्रवित कर गयी अब किसी ब्लोगर पति की व्यथा गाथा भी सामने आनी चाहिए तभी हिसाब बराबर होगा…:)
  28. इस्मत ज़ैदी
    ये तो बहुत ही बढ़िया बात हुई कि सुमन जी कवयित्री बन गईं और वो भी इतनी बढ़िया ,,
    अब कवियों की खिंचाई करके दिखाइये
  29. GGShaikh
    भाभी जी की इतनी मार्मिक, सौम्य और non-violent शिकायत के चलते
    अनूप जी आपको तो पसीजना ही है…(मिन्स सुधरना ही है…!)
    हमें यक़ीन है…
  30. Anonymous
    Aadarneey shukl ji
    saprem abhivadan .
    Bhai mja aa gya ….Tum to aise na the , Behad dil chasp kavita… . vaki hr bloger ki bibi ke sath yhi anubhuti hai . Mera bhi kuchh yhi hal hai . bahut dant padti hai . meri bibi ne ap ki ye kavita padhi aur kahne lagi ” dekh lo jb inka ye hal hai to mai bhi kl se tumhen net pr nahi baithne doongi . kya aafat kra di aapne sir !………..apke blog pr pahli bar saubhagy se aa gya hoon . Hm se ap se achhe to Govind ji hain kam se km ye lafda to nahi palte …….
    fir bhi sahity ke liye is tyag ko main Pranam karta hoon …..ap mahan hain sir .. bhabhi ji se hath jodkr hm log unhen mna lenge ap likhte rhen sir …….. l
  31. Naveen Mani Tripathi
    कास कुछ प्रेसर bhabhi ji ka aur hota तो फिर …….ये ब्लॉग ही उड़ जाता सर .
  32. Kavita Vachaknavee
    आप डायरियाँ चुराने और उन्हें सार्वजनिक करने में ख़ासी महारत रखते हैं। एक ब्लॉगर-पत्नी की अपेक्षा एक ब्लॉगर की पत्नी की शिकायतें अलग होती हैं। सिद्धार्थ की श्रीमती और आपकी श्रीमती अलग अलग क्लब में शामिल की जाएँ।
    हमारे यहाँ तो बच्चे त्रस्त हुए रहते हैं हमसे।
    अगली बार आप अपने बच्चों की डायरी पर हाथ साफ करें।
    Kavita Vachaknavee की हालिया प्रविष्टी..`पुरवाई’ में रम्य-रचना : "रंगों का पंचांग"
  33. shefali
    पतियों की व्यथा बताने के किये ये लिंक चिपका देते हैं, http://shefalipande.blogspot.com/2009/03/blog-post_24.html
    1. पंकज उपाध्याय
      हा हा हा :-)
      शेफ़ाली जी, एकदम शानदार..
  34. पंकज उपाध्याय
    इ टुच्चा ब्लैकबेरी क्या न कराये… :-)
    भाभी जी से कहिये कि बहुत बहुत प्यारी कविता है और उनकी पार्टी को बाहर से हमारा भी समर्थन है :-)
  35. फ़ुरसतिया-पुराने लेख
    [...] …एक ब्लॉगर-पत्नी के नोट्स [...]
  36. anand mahesh
    बहुत बढ़िया जी…
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