Saturday, February 06, 2016

दफ्तर है, दूरी है, दुनिया के लफ़ड़े हैं मेरी वेलेंटाइन

मेरी मोहब्बत को तू बस, कुछ ऐसा समझ ले भाई,
स्विस बैंक में जमा काला धन, घर ला नहीं सकता।

मेरे दिल की सब जमा मोहब्बत तू अपने नाम समझ,
औ मजबूरी भी समझ, तुझे इसे दिखा नहीं सकता।

दफ्तर है, दूरी है, दुनिया के लफ़ड़े हैं मेरी वेलेंटाइन,
पत्ती, चीनी, दूध भी है, पर तुझको चाय पिला नहीं सकता।

-कट्टा कानपुरी

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