Wednesday, September 24, 2008

शौक बड़ी घर कुलिया मां

http://web.archive.org/web/20140419215429/http://hindini.com/fursatiya/archives/529

28 responses to “शौक बड़ी घर कुलिया मां”

  1. seema gupta
    हम- अब इसका क्या कोई इलाज है?
    या बढ़ता जायेगा ज्यों कोढ़ में खाज है?
    ” wah bhut shee kha hai, great article to read in such a language, interesting”
    Regards
  2. anil pusadkar
    हम तो बचे हुए है।
  3. mrinal kant
    excellent!
  4. Ghost Buster
    ये कौन नासमझ है जो आप से उलझ रहा है? लगता है आपका ब्लॉग नहीं पढता.
  5. अनूप भार्गव
    बुश भैया को ’राग दरबारी’ की एक प्रति भिजवा दे ना !
  6. Shiv Kumar Mishra
    क्या भइया आप भी.
    ऐसे लोगों को लेकर समस्या के खेत में हल चलाने निकले थे
    अमरीका के जले पर बर्नोल लगाने निकले थे
    हमरी सुनिए और आप एक काम कीजिये
    अगली फुर्सत मिलते ही हमें बुला लीजिये
    हमदोनों मिलकर कविता को आगे ले जायेंगे
    जहाँ से उन्होंने छोड़ा था, वही से से उठाएंगे
    अमेरिका की समस्याओं को ख़तम कर देंगे
    मिलकर पूरा झमेला ही दफ़न कर देंगे
  7. Dr .Anurag
    हमारा मित्र वहां से उखड़ गया जिसे दुनिया हत्थे के नाम से जानती है।
    धन्य हो फुरसतिया जी……..धन्य हो……सही ठिकाने लगाये हो….
  8. ज्ञानदत्त पाण्डेय
    उई सही कह रहे हैं बिम्ब-प्रतिबिम्ब मॉडर्न होने चाहियें।
    इतना कर रहे हो सबको टीज़।
    बढ़ रहा है लेप्रोसी में स्कैबीज़!
    टाइप! :-)
  9. अशोक पाण्‍डेय
    पोस्‍ट पढ़कर और संकरी कुलिया में बड़ी शौक वाला घर देख कर हमारी भी मौज आ गयी। :)
  10. anitakumar
    वाह, मान गये। अब और क्या क्या नुस्खे निकालने बाकी है। अब शिव जी और अनूप जी की जुगल बंदी का इंतजार है, बिम्ब एक्दम नये होने चाहिए।
  11. Zakir Ali 'Rajneesh'
    अब दिल तो दिल है, शौक पाल ही लेता है। उसे इससे क्या मतलब कि घर कोलिया में है नरदहा के किनारे। आखिर यह सब अपने हाथ में होता भी तो नहीं।
  12. संजय बेंगाणी
    अब “ई” ‘भासा’ भी सीखनी पड़ेगी. :(
  13. डा. अमर कुमार
    .
    भली कही, गुरु आपने ?
    पहले आपन देखा जाय.. दुनिया जाये रसातल में !
    अबहिन आपन लिंग अउर गुट सत्यापित करवाय मा बिज़ी हन,
    अब लौट के टीपाटिपी खेला जायी ?
    देख्यौ ससुर का निकारि देत हैं, कउन भरोसा.. जनो लउंडिया बताय दियें…
    तुम्हार तो मौज़ हुई जायी.. एकु गर्लफ़्रेन्ड पा जईहो, सेंत में !
    ज्ञानदत्तौ सिफ़ारिश करे का दउड़ा रहे हैं,
    अमरेका से बाद में निपटा जायी …
    राम राम

  14. समीर लाल 'उड़न तश्तरी वाले'
    आह्हा!! आनन्द आ गया भईये पढ़कर..सच में, अगर राग दरबारी वाला ब्लॉग पूरा टाइप हो गया होता, तो बुश को लिंक भिजवा देते गुगल ट्रांसलिटर के साथ. :)
  15. सतीश सक्सेना
    कुछ नही घुसा दिमाग में अनूप भाई…यह आपका …. शौक बड़ी घर कुलिया मां।… :-(
    का टिपआयें …
  16. ताऊ रामपुरिया
    “जब किसी का ब्रह्मचर्य गुम जाता है तब वो खटिया का क्या करेगा? वो अपने आप खड़ी हो जाती है। चाहे वो खुद खड़ी करे या दूसरे खड़ी कर दें।”
    जय हो ! जय हो फुरसतिया जी | परमानंद आ गया “शौक बड़ी घर कुलिया मां।”
  17. राज भाटिया
    भाईया हम नये नये दाखिल हुये हे आप के स्कुल मे, इस कारण समझ मे ज्यादा नही आया, लेकिन जाते जाते हम भी कह देते हे…शौक बड़ी घर कुलिया मां।”
    धन्यवाद
  18. Abhishek Ojha
    “अमेरिका की खटिया इसी लिये खड़ी है क्योंकि उसने अपना ब्रह्मचर्य गंवा दिया है। ” अमरिकावा भी साला एक ब्रह्मचर्य तक नहीं बचा पाया !
  19. Theluwa
    हाँ सुकुल मौज आ गयी,
    मिसरा जी का पढ़ के मौज आयी कि
    “हमदोनों मिलकर कविता को आगे ले जायेंगे
    जहाँ से उन्होंने छोड़ा था, वही से से उठाएंगे”
    एक फिलिम देखे थे जिसमे मुकेश गाते हैं -
    “हम दोनों मिलके कागज़ के दिल पे एक
    चिट्ठी लिखेंगे जवाब आएगा”
    तो देखें मिसिर और सुकुल कहाँ ले जाते हैं | अब ससुर, जहाँ भी लई जाएँ , मौज तो अइबे करी.
    घोस्ट बस्टर जी, ऊ नासमझ हमहीं रहे, मौजै मौज में सुकुल से ‘मौजां ही मौजां’ कर लिए, कहो तो आपौ से लई लें , अगर कौनो अड़चन ना होय तो |
    वैसे भी हम झाँखर हैं
    राह चलते अरझते हैं |
    सुकुल, कुलिया का मीनिंग बताय देव सबका कौनो कुलिया मा लई जाय के
  20. nitish raj
    आप ने मासब की तरह ही डांट पिला दी लेकिन ये गुफत्गुं बढ़िया लगी। शौक बड़ी घर कुलिया मां।
  21. parul
    khaalis kanpuriyaa!!! badey dino baad KULIYA ..sunaa :)
  22. - लावण्या
    ज़बरदस्त !
    - लावण्या
  23. Smart Indian
    मान गए आपके मित्र को.
    फॉर्मूला तो कालजयी ढूंढ कर लाये हैं. संसद में बिल पास करवा दिया जाए – कल से सारी समस्यायें हल!
  24. विवेक सिंह
    सब समझ में आगया . शीर्षक को छोडकर . इसे फिर से समझाइए .
  25. : फ़ुरसतिया-पुराने लेखhttp//hindini.com/fursatiya/archives/176
    [...] शौक बड़ी घर कुलिया मां [...]
  26. धीरेन्द्र पाण्डेय
    दरअसल लोग कुलिया को नही समझ पाए |कुलिया मतलब पतली सी गली |
    धीरेन्द्र पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..चीनी हमला और फिल्म हकीकत का पुनरावलोकन
  27. संतोष त्रिवेदी
    वाह!
  28. Anonymous
    जबरदस्त लिखे है शुक्ला जी हमेशा की तरह … पूरी कहावत है – शौक बड़ी घर कुलिया मा , लस्सी धरी टुकनिया मा …
    गूगल बाबा नाराज है हमारी आई.डी. नहीं दे रहे है :(
    — हेमा दीक्षित

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