Sunday, March 24, 2019

दिमाग में भूसा


 भूसे की बिक्री पता नहीं बढ़ी कि नहीं। लेकिन दुकान तो खुली है। आपको पता ही है कि खाने के काम आने के अलावा भरने के काम भी आता है भूसा। बचपन से बहुत लोगों से अपने लिए सुना है -'तुम्हारे दिमाग में भूसा भरा है।' कुछ लोगों ने प्रेमबस खाल में भूसा भरवाने का आश्वासन भी दिया लेकिन चुनावी वादों की तरह पूरा नहीं किया।

वैसे दिमाग में भरे भूसे और खाल में भरे जाने वाले में कोई मुकाबला नहीं होता। दिमाग वाला भूसा शरीर के साथ आता है। असली होता है। भरे जाने वाला भूसा तो हर गेंहू के खेत में मिलता है। दिमाग वाला भूसा शुद्घ होता है। देशी घी की तरह। खाल में भरा जाने वाला भूसा उतना असली नहीं होता। डालडा की तरह होता है। दिमाग वाला भूसा चौबीस कैरेट वाले सोने की तरह होता है। दूसरा वाला सोने की पॉलिश वाला नकली गहना होता है।
कुदरत जिनके दिमाग में भूसा भरकर भेजती है उनके प्रति उसके मन में अतिरिक्त वात्सल्य होता है। जब कभी अक्ल पर पत्थर पड़ते हैं तो दिमाग में भरा कुदरती भूसा अक्ल और पत्थर दोनों को टूट-फूट से बचाता है। इसलिए दिमाग में भरा कुदरती भूसा इंसान की सुरक्षा के लिए होता है।
भूसे के बढ़े दाम सुनकर मन किया कि दिमाग का भूसा निकालकर यहीं बेंच दें। कुछ आमदनी हो जाएगी। दिमाग की खाली जगह किसी दूसरे कूड़े को किराये पर उठा देंगे। लेकिन फिर ख्याल आया चुनाव के समय दाम और बढ़ेंगे तब निकालेंगे। और बढिया दाम मिलेंगे।
आज दुकान बंद दिखी। लगता है भूसे के दाम लुढ़क गए। उस दिन बेंच लिए होते। लेकिन लालच में मारे गए। साफ पता लगता है कि दिमाग में भरा भूसा असली और असरकारक है।

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