Sunday, March 08, 2020

महिला दिवस के मौके पर शिशु सदन की शुरुआत

 

कल का दिन हमारी निर्माणी के लिए ऐतिहासिक रहा। इस मौके पर निर्माणी में शिशु सदन की शुरुआत की गई। निर्माणी में लगभग 60-70 महिला कामगार हैं। अधिकतर सिलाई का काम करती हैं। अन्य अनुभागों की तुलना में महिला कामगार अधिक जिम्मेदारी से अपना काम करती हैं।
मार्च के महीने में उत्पादन लक्ष्य पूरा होने का दबाव रहता है। सुबह सबसे पहले काम का मुआयना करते हुए थोड़ी देर कामगारों से बातचीत करते हैं। जिसका काम कम हुआ उससे कारण पूछते हैं, ठीक से, ज्यादा भी काम करने को कहते हैं। बातचीत करते हुए लोगों की समस्याएं भी सुन लेते हैं। व्यक्तिगत और निर्माणी की भी। जो सम्भव हो उसको तुरन्त हल भी कर देते हैं। घर परिवार के बारे में बतिया लेते हैं।
अक्सर कई कर्मचारी हमारे पहले के कार्यकाल की कोई याद भी साझा करते हैं। एक दिन एक टेलर ने हमसे कहा -'आपका यह कोट हमने सिला था। जिसमें थोड़ा झोल आ गया है। कभी दीजिएगा ठीक कर देंगे।'
हमको ताज्जुब हुआ कि बीस-पच्चीस साल पहले हमारे कोट की सिलाई की याद है हमारे कामगार को।
ऐसे ही 3 मार्च को महिला कामगारों की बेंच पर भी गये। एक से पूछा -'काम कैसा चल रहा है? ओवरटाइम कितना चल रहा है आपका ?'
ओवर टाइम हमारी निर्माणियों की सेहत का बैरोमीटर है। जहां ओवरटाइम पूरा चल रहा है मतलब उस निर्माणी के हाल चकाचक हैं। जहां ओवरटाइम कम है मतलब फैक्ट्री के हाल खराब हैं।
हमारे पैराशूट फैक्ट्री के कवि-कामगार श्रवण शुक्ल जी की ओवरटाइम पर एक बड़ी लोकप्रिय हास्य कविता है:
'इतवार बुलाओ, सोमवार बुलाओ
चाहे जउने वार बुलाओ,
ओटी तुम हमका दिए रहो
प्राण हमारे लिये रहो।'
संयोग कि आयुध निर्माणियों में पिछले दिनों काम की कमी के चलते ओवरटाइम कम हुआ। पैराशूट आयुध निर्माणी में श्रवण शुक्ल जी के प्रशंसक इसका श्रेय उनकी इस कविता को देते हुए कहते हैं -'बहुत दमदार कवि हैं शुक्ल जी। उनकी कविता की ही ताकत है कि ओवर टाइम कम करा दिया।' 🙂
बहरहाल जिस कामगार महिला से काम के बारे में पूछा उसने दुःखी होकर कहा -'हमारा बच्चा छोटा है। उसको देखने वाला कोई नहीं है घर में। पिछले हफ्ते उसकी देखभाल के लिए छुट्टी लेनी पड़ी। इसीलिए काम कम हुआ। ओवरटाइम नहीं मिला।' बताते बताते महिला कामगार रुआंसी सी हो गयी।
उसकी बात सुनकर हमको अफसोस हुआ कि तीन महीने हुए निर्माणी में आये। इस दौरान हमने एक बार भी नहीं सोचा कि यहां शिशु सदन होना चाहिए। न किसी ने बताया। हमने महिला से पूछा -'अगर यहां शिशु सदन बनवा दें तो तुम्हारी समस्या हल हो जाएगी?'
उसने कहा -'ऐसा हो जाएगा तो हम जिंदगी भर आपका एहसान नहीं भूलेंगे।'
कारखाना अधिनियम के अनुसार जहां महिला कामगार हो वहां शिशु सदन की व्यवस्था होना आवश्यक है। उसको बनवाने पर कोई हमारा जिंदगी भर एहसान मानने को तैयार है। ताज्जुब ही है कि जो काम हमारी ड्यूटी में है उसको पूरा कर देने पर कोई हमारा एहसान माने।
बहरहाल हम लोगों ने उसी समय तय किया कि निर्माणी में शिशु सदन खुलेगा। तुरन्त महिला कामगारों के काम की जगह एक बड़ा हाल तय किया गया। यह भी तय किया गया कि 18 मार्च को आयुध निर्माणी दिवस पर उसकी शुरुआत होगी। फौरन काम चालू हो गया। कोई कमेटी नहीं, कोई टीम नहीं -'डायरेक्ट एक्शन।' हाल की सफाई शुरू हो गयी।
कानपुर में पुरानी निर्माणी में यही काम कमेटियों के हवाले कर दिया गया था। लगभग डेढ़ साल लग गए थे उसको शुरू होने में।
बाद में सोचा गया कि हाल बहुत बड़ा है। 15-20 बच्चों के लिए इतना बड़ा हाल ठीक नहीं होगा। खर्च भी काफी होगा। इसके बाद दो कमरों वाले एक आफिस में ही शिशु सदन बनना तय हुआ। आफिस बढ़िया टाइल्स लगा, रेस्टरूम सहित, कामगारों के काम की जगह के एकदम पास।
जगह तय करने के बाद बच्चों के सामान , खिलौने लेने गए। ढेर सारे खिलौने ले आये। तैयारी हो गयी शिशुसदन की।
अब जब तैयारी हो गयी तो सोचा गया 18 मार्च का इंतजार क्यों किया जाए। शुभस्य शीघ्रम। तय हुआ कि महिला दिवस के मौके पर ही शुरआत हो। उद्घाटन की बात चली तो यह सोचा गया कि उद्घाटन किससे करवाया जाए। तय हुआ कि उद्घाटन वही करे जिसके लिए यह सुविधा है। मतलब महिला कामगार ही शिशुसदन का उद्घाटन करें।
महिला दिवस 8 मार्च को पड़ता है। 8 मार्च को इतवार। लिहाजा 7 मार्च को महिला दिवस मनाया गया। सुबह कैंटीन में केक काटने के बाद सबके साथ शिशु सदन आये। महिला कामगारों ने उद्घाटन किया। उद्घाटन का फीता उसी महिला कामगार ने काटा जिसकी मांग पर शिशु सदन शुरू किया गया। बच्चे खुश होकर खेल रहे थे। उनकी मम्मियां भी खुश। बाकी कामगार ,स्टॉफ, अधिकारी भी खुश। निर्माणी के महाप्रबन्धक होने के नाते देखा देखी अपन भी खुश।
शिशुसदन में अभी कई सुधार होने हैं। कुछ सुविधाएं भी जुड़नी हैं। वह सब भी हो जाएगा। सुविधाओं को मुहैया करवाने के लिए अपन मुसलसल कोसा (लगातार प्रयत्नशील) रहेंगे।
फिलहाल सभी महिला साथियों को महिला दिवस की
बधाई
। शुभकामनाएं।


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