Thursday, April 23, 2020

समय होत बलवान

 


पूरी दुनिया कोरोना आपदा के चपेटे में है। न जाने किस भेष में नारायण मिल जाएं की तर्ज पर पता नहीं किधर से 'वायरस बाबू' आपको ज्वाइनिंग दे दें। कोरोना ग्रस्त लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। भारत में अब तक 700 के करीब लोग विदा हुए।
अमेरिका के कोरोना आंकड़े 47750 तक पहुंच गए हैं। कुछ कर नहीं पा रहे महाबली देश सिवाय गिनती गिनने, परेशान होने और आने वाले में और भयावह स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए आह्वान करने के।
47750 की कोरोना गिनती के मुकाबले पिछले दिनों अमेरिका की हाल की प्रमुख लड़ाइयों में जो अमेरिकी लोग मारे गए उनकी संख्या इस तरह है:
9/11 -2977
इराक युध्द- 4424
अफगान युध्द -2440
9841 कुल जमा जोड़ बैठता है हाल के समय की इन आपदाओं में मारे जाने वाले लोगों का। पूरी दुनिया का नक्शा बिगाड़ दिया था इनमें अमेरिकया ने। 9/11 में कहा -जो हमारे साथ नहीं वो हमारे खिलाफ है। इराक और अफगान युध्द में उन देशों में घुस कर मारा अपने विरोधियों को और दुनिया भर को जता दिया कि देख लो हमारी ताकत।
वही ताकतवर देश अब एक वायरस के सामने असहाय हैं। तकनीक की ताकत अभी बैकफुट पर है। दवाओं से कम दुआओं पर ज्यादा भरोसा हैं।
इसी के लिए शायद कहा गया :
पुरुष बली नहिं होत है, समय होत बलवान।
अपने यहां अभी संख्या कम है। लेकिन जिस तरह की घनी आबादी और कम सुविधाएं हैं अपने यहां उससे इस स्थिति के विकट और भयावह होते देर नहीं लगेगी अगर सावधान न रहे। अगर लापरवाह रहे तो ' सावधानी हटी, दुर्घटना घटी ' कहने के लिए भी लोग न बचेंगे।
सावधान रहना है , डर से बचना है। मस्त रहना है, काम करते हुए , घर में रहते हुए भी। समस्या बड़ी है, लेकिन उससे ज्यादा बड़ा उसका डर है :
माना जीवन में बहुत बहुत तम है
लेकिन तम से ज्यादा तम का मातम है।
कोरोना से लोग मर रहे हैं लेकिन जितने मर रहे हैं उससे ज्यादा लोग बच भी रहे हैं। बहुमत बचने वालों का है। सरकार बहुमत की बनती है। बहुमत के साथ रहें , जीवन के साथ रहें।
इतना समझाने के बाद भी आप सिर्फ डर के ही दामन में दुबके हैं तो गब्बर डायलॉग (जो डर गया, समझो मर गया) के दायरे में आ जाएंगे। कोई आपको देखकर कहेगा:
मौत के डर से नाहक परेशान है
आप ज़िंदा कहाँ है जो मर जायेंगे
इसलिए जो भी करें पूरे मजे से करें। मौका है खुद को समझने का। साथ के लोगों को जानने का। सबसे खूब प्यार करने का। खुद को खूब प्यार करने का। कोरोना प्यार के माहौल में पनप नहीं सकता। फूट लेगा पतली गली से जब वो देखेगा कि यहां सब लोग सुरक्षित आदतें अपना रहे हैं, मस्त हैं।

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