Tuesday, August 25, 2020

परसाई के पंच-19

 1. विश्वास जितना पक्का होता है, उसके टूटने में उतना ही दर्द होता है।

2.कभी-कभी प्रेम के रिश्ते से घृणा का रिश्ता अधिक मजबूत होता है।
3. आदमी का स्वभाव ही ऐसा होता है। घर का गंगाजल नहीं पियेंगे, दूसरे के नाबदान में मुंह डालते फिरेंगे।
4. हमारे मन में एक बना-बनाया नैतिक सिद्धांत है। जो स्त्रियों की ओर देखे वह बुरा आदमी, जो न देखे वह अच्छा आदमी।
5. प्रेम का ही बाजार गर्म है। जैसे उच्च शिक्षित वर्ग में स्नो, पावडर आदि का फैशन है, वैसे ही प्रेम का भी।
6.जिसे आप ईमानदार समझते हैं, वह बेईमान निकल जाता है और जिसे बेईमान समझते हैं , वह ईमानदार निकल जाता है।
7.शुध्द चीज दुनिया में जरा मुसीबत लाती है। शुद्ध चीज से दूर रहना चाहिए।
8. रोग बड़ा बुजदिल दुश्मन है भाई! निरस्त्र पर वार करता है, सम्भलने नहीं देता।
9. भूख से बचने में ही जिसका हर क्षण लगा रहा है, उसे प्यार करने की फुरसत कैसे मिलेगी?
10. कभी-कभी मरा बाप जिंदा बाप से अच्छा होता है।
11. जिसके पास कुछ नहीं होता, अनंत दुख होता है, वह धीरे-धीरे शहादत के गर्व के साथ कष्ट भुगतता है। जीने के लिए आधार चाहिए और सब अभाव में यह दुख ही जीवन का आधार हो जाता है। वे उसे जकड़े रहते हैं,उसमें गौरव समझते हैं।

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