Monday, August 03, 2020

जीवन में प्रेम से बड़ा कोई रिश्ता नहीं

 



1.मनुष्य का जीवन खुश रहने के लिए है। हमेशा और पूरी तरह खुश रहने वाला आदमी ही यह दावा कर सकता है कि उसने पृथ्वी पर आकर ईश्वर की इच्छा पूरी की।

2. मनुष्य कितना ही व्यथित क्यों न उसे निराशा से बचना चाहिए।
3.मानवीय रिश्तों में ज्यादा दयालुता और गम्भीरता होनीं चाहिए तथा सम्वादों में ज्यादा चुप्पी और सरलता होनीं चाहिए।
4. मूर्खतापूर्ण चीजों का भी अपना महत्व है। हमारे अनुशासित और नपे-तुले जीवन में मूर्खता कई बार संजीवनी शक्ति का काम करती है।
5. दो लोगों के विचारों में अंतर न होना वस्तुत: आत्मा के लकवा मार जाने जैसी स्थिति है, यह समय से पहले होने वाली मृत्यु है।
6.बेहतर जीवन जीने का सहज नुस्खा यह है कि जब गुस्से में सिर्फ तभी शालीनता की सीमा लांघें, कुछ मनोरंजक होने पर ही हंसे और जब कुछ पूछा जाए सिर्फ तभी जबाब दें।
7.चुप्पी का महत्व बोलने से कहीं अधिक है।
8. खुशहाल आदमी हमेशा निश्चिन्त रहता है, क्योंकि उसकी चुप्पी उसकी नाखुशी का बोझ सहजता स उठा लेती है। चुप्पी के बगैर प्रसन्नता असम्भव है।
9. हमारे जीवन में प्रेम से बड़ा रिश्ता कोई नहीं। प्रेम से डरने वाले वस्तुत: जीवन से डरते हैं और जीवन से डरने वाले लोग आधा मर चुके हैं। प्रेम में होने पर ही हम संतुलित व्यवहार करते हैं।
10. बड़ा संकट तो एक मूर्ख आदमी भी झेल जाता है, दैनन्दिन समस्याओं को झेलना उससे कहीं ज्यादा मुश्किल होता है।
11. जब एक बीमारी के कई उपचार सुझाये जाते हैं , तब उसका अर्थ यह होता है कि वह बीमारी कभी खत्म होने वाली नहीं।
-एंतोन चेखव
विख्यात रूसी लेखक।
अमर उजाला से आभार सहित

https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10220442649669759

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