Sunday, August 09, 2020

परसाई के पंच-5

 

1. गरीबों को तो खैराती अस्पताल का ही सहारा होता है।
2. पुराने जमाने में शुभ कार्यों में अच्छा मुहूर्त देखने की जो परिपाटी है, वह देवताओं का ठीक 'मूड' जानने के लिए ही होगी।
3.चिकनी बात पर आदमी का पांव फिसला और वह गया रसातल को।
4. जब जीना मरने से अधिक कष्टकर हो जाय, तो मरने को ही सच्चा जीवन मान लेना चाहिए।
5. कौआ अगर न्यायाधिकार लेकर बैठ जाय तो हर उज्ज्वल हंस को कोढ़ी कहकर तिरस्कृत कर देगा।
6. जब पेट भरा होता है तब भोजन के नीचे सत्य दब जाता है।
7. बहुत लोग बिना आहट की जिंदगी गुजार देते हैं। वे आसपास होंगे , पर उनकी आहट नहीं होगी।
8. कोई सामने उसका अपमान कर दे तो वह पीठ फेरकर एडजस्ट कर लेता है।
9. कभी कोई उसे खबर दे कि अमुक आदमी तुम्हारी बीबी को भगा ले गया तो वह धीरे से कह देगा, ले जाने दो। हम तो एडजस्ट करके चलते हैं।'
10. सिध्द संयोजक कभी आंख नहीं मिलाता। आंखों में चंदे का हिसाब लिखा रहता है। उसे पढ़कर कुछ लोग ईमान पर शक करते हैं और कुछ पैसा खींचने की कोशिश करते हैं।
11. मैले कपड़े और दाढ़ी हमारा 'मेकअप' है। इस रूप से चंदा देने वालों को संतोष होता है और मेहमानों की हिम्मत कुछ मांगने की नहीं होती। मेरी ऐसी सज देखकर प्रतिनिधि लोग भूखे सो जाएंगे, पर खाना नहीं मांगेंगे।

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