Wednesday, November 04, 2020

परसाई के पंच-93

 

1. जो जाति जितनी प्राचीन होती है, उसके आदमखोरी संस्कार भी उतने ही गहरे होते हैं।
2. हम दुनिया के प्राचीन आदमखोर हैं। हमारे शिकारी बन्दूक लेकर जंगल में आदमखोर बाघ को ढूंढते फ़िरते हैं और इधर हम बेहिचक आदमी को खाते रहते हैं। हरिजन स्त्री और बच्चे को आग में झोंक देते हैं। दहेज कम लाने वाले बहू का गला घोंट देते हैं।
3. गैरकानूनी शराब- मिलावटी शराब, जहरीली शराब का उत्पादन और बिक्री यज्ञ-जैसा अनुष्ठान है, जिसमें कई पुरोहित स्वाहा बोलते हैं। हाथ भट्टीवाला, ठेकेदार, मिलावट करने वाला, आबकारी दरोगा, पुलिस अफ़सर, स्थानीय नेता, विधायक, स्थानीय’दादा’ ये सब इस अनुष्ठान में लगे होते हैं। जहरीली शराब बनाने वाले और बेचनेवाले की ये लोग रक्षा करते हैं।
4. अमेरिका और सब मामलों में चाहे भारत और पाकिस्तान में भेद करता हो, पाक को चाहता हो और भारत को नहीं, मगर एक बात में दोनों को बराबर मानता है। एक चीज है जो अमेरिका भारत और पाकिस्तान दोनों को बराबर देता है और वह चीज है –बेकारी।
5. सारे पिछड़े कहलाने वाले देश सम्पन्न गोरे और साम्राज्यवाद की नजर में बराबर हैं।
6. प्रेम धर्म के खिलाफ़ है। प्रेम करना धर्म के हिसाब से गुनाह है।
7. सम्पन्नता अपने को प्रगट किये बिना नहीं मानती और सम्पन्नता दिखाने का सबसे लोकप्रिय तरीका है, सोना दिखाना।
8. जो चोरी-तस्करी में लगा होता है, और पुलिस से परेशान रहता है, वह संन्यासी हो जाता है।
9. भक्ति, वीरता और सेक्स की मिली-जुली मानसिकता फ़िल्मी हीरो को नेता, उद्धारक और पथ-प्रदर्शक बना देती है।
10. भारत की राजनैतिक हालत बड़ी डांवाडोल मानी जाती है। सभी चिन्तित हैं। इतनी पार्टियां हैं। विचारधारायें हैं। कार्यक्रम हैं। योजनायें हैं। खर्चीले संगठन हैं। कौन का किससे गठबंधन हो जायेगा, कुछ ठीक नहीं।
11. दिल्ली में कोई वधू जलकर मरी कि प्रदर्शनों का तांता लग जाता है। इन प्रदर्शनों में ज्यादातर वे महिलायें शामिल होती हैं, जो प्रौढा होती हैं और तीसरे पहर के आलस को नारे में भुलाना चाहती हैं। अगर प्रौढायें तीसरे पहर न ऊबें तो कोई प्रदर्शन नारियों के पक्ष में न हो।

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