Sunday, October 25, 2020

परसाई के पंच-86


1. इस देश में हर शुभ काम स्केण्डल हो जाता है, बदनामी का वायस हो जाता है। अकालपीड़ित-राहत-कोष इकट्ठा होता है तो वह काण्ड हो जाता है। बाढ़-पीड़ित-सहायता फ़ण्ड बन जाता है तो वह भी स्केण्डल हो जाता है। कई बदनाम हो जाते हैं।
2. सबसे निरर्थक आन्दोलन भ्रष्टाचार के विरोध का आन्दोलन होता है। भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से कोई नहीं डरता। यह एक प्रकार का मनोरंजन जो राजनैतिक पार्टी कभी-कभी खेल लेती है, जैसे कबड्डी का मैच। इससे न सरकार घबड़ाती , भ्रष्टाचारी घबड़ाते, न मुनाफ़ाखोर, न कालाबाजारी। सब इसे शंकर की बारात समझकर मजा लेते हैं।
3. इस देश में हर आदमी दूसरे को सदाचारी बनाना चाहता है कि मैं तो भ्रष्टाचार करूं पर दूसरा न करे, इसलिये नारे लगाऊं।
4. अपनी धांधली पर आंच आती है, तब अमेरिका को धर्म, मानवीयता, स्वतंत्रता की याद आने लगती है।
5. अमेरिका अपने सिवाय किसी को सभ्य मानता नहीं है।
6. हिटलर का मशहूर कथन है –’जनता बड़े झूठ के जाल में छोटे झूठ की अपेक्षा आसानी से फ़ंसती है, इसलिये बड़ा झूठ बोलें।’
7. कोई भी आदमी जो हमें पसन्द नहीं , सदन में बैठ नहीं पायेगा। यह लोकतन्त्र की सच्ची भावना है।
8. इसे लोकतंत्र कहते हैं जिसमें जन को लात मार दी जाती है।
9. यदि कोई स्त्री पुलिस थाने में रिपोर्ट करने जाये कि उस पर बलात्कार हुआ, तो भारतीय पुलिस बड़ी मुस्तैदी से अपना कार्य करती है। पुलिस वाले खुद उस स्त्री पर प्रयोग करके पक्का कर लेते हैं कि जो हुआ वह ऐसा ही हुआ, जैसा हमने किया।
10. बलात्कार को ’पाशविक’ कहा जाता है,पर यह पशु की तौहीन है। पशु बलात्कार नहीं करते। सुअर तक नहीं करता, मगर आदमी करता है।
11. हम बहुत पाखण्डी लोग हैं। हम अपने को प्राचीनतम और महान संस्कृति वाले कहते हैं, आदर्शवादी समझते हैं, नैतिक मानते हैं, मगर हमसे ज्यादा क्रूर और नीच जाति दुनिया में नहीं है। अफ़्रीका के जंगली कबीलों में भी नारी पर उतने अत्याचार नहीं होते, जितने हम करते हैं और कहते हैं कि नारी पवित्र है, पूज्या है, माता है, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता रमते हैं।

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