Sunday, October 18, 2020

सूरज भाई और मोबाइल मीडिया

 

सुबह घर के पीछे बरामदे में देखा सूरज भाई आसमान पर विराजमान थे। विराजमान मतलब दैदीप्यमान। दो पेड़ों के बीच एकदम सुर्ख लाल। पेड़ सीधे खड़े थे- कमांडों की तरह। सूरज भाई के चेहरे से एकदम शांत वीआईपी पन टपक रहा था।
सूरज भाई के जलवे देखकर जलन हुई। उनसे मजे लिए -'भाई जी, ड्रेस तो बड़ी शानदार है। एक दम ठेके पर काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों की ड्रेस सरीखी।'
'भाई जी' हमने इसलिए लिखा क्योंकि (आपको भी पता ही होगा) दोस्तों पर तंज नजदीकी का नाटक करते हुए किये ही किये जाते हैं। हमको तो सिर्फ मजे लेने थे इसलिए 'भाई जी' कहकर ही बात की। हमला करना होता तो 'हम आपकी बहुत इज्जत करते हैं' के ब्रह्मास्त्र से बात शुरू करते। बात की शुरुआत ही अगर कोई 'इज्जत करने के उद्घोष 'से करे तो बिना समय गंवाए 'इज्जत का बीमा' करा लेना चाहिए, निकट की पुलिस चौकी से' इज्जत की सुरक्षा' के लिए पुलिस मांग लेनी चाहिए।
सूरज भाई आदतन मुस्कराए। अपनी खिंचाई को मुस्कराते हुए ग्रहण करने वाले लोग या तो बहुत समर्थ होते हैं या बहुत बड़े 'चिरकुट घाघ'। समर्थ लोग आलोचना का बुरा नहीं मानते। 'चिरकुट घाघ' आलोचना करने वाले को आने वाले समय में निपटाने का निश्चय करते हुए मुस्कराते हैं -एक मुर्गा और मिला निपटाने को।
सूरज भाई मुस्कराते हुए बोले -'हमको पता है कि चिरकुटई तुम्हारा जन्मसिद्ध अधिकार है , तुम इसे करके रहोगे। करने की कोशिश की भी लेकिन जमी नहीं। हमारी ड्रेस तुमको दिहाड़ी मजदूर सरीखी दिखी यह कहकर तुमने यह कहना चाहा कि हमारी औकात दिहाड़ी मजदूर सरीखी है। लेकिन सच तुम भी जानते हो दिहाड़ी मजदूर तो अनगिनत हैं, रोज बढ़ रहे हैं, एक चाहोगे सौ क्या हजार मिलेंगे लेकिन अपन अकेले हैं -'जिस दिन नहीं निकलेंगे 'शांत' हो जाओगे।'
हमने सूरज भाई की मिजाज पुर्सी करने के लिहाज से कहा -'नहीं भाई जी, हमारा कहने का मतलब वह नहीं था। आप मेरी बात का गलत मतलब निकालने लगे।'
सूरज भाई मुस्कराते हुए बोले -'बात तुमने कही, अब मतलब निकालना हमारा काम है। हमारे बारे में कही बात का मतलब हम निकालेंगे कि तुम? '
खेत में खिले धान के पौधे हवा के सहारे हिलते हुए सूरज भाई की बात का समर्थन करते हुए दिखे। यही बालियां मेरी बात का भी इतनीं ही तेजी से सर्मथन कर रहीं थी। धान की बालियों की हरकत मुझे किसी राज्य के विधायकों सरीखे लगीं जो सरकार बना सकने में समर्थ पार्टी को आंख और अक्लमूँद कर ज्वाइन कर लेते हैं।
हमने सूरज भाई का फोटो लिया। आसमान में सुर्ख लाल दिखते सूरज भाई फोटो में पीले दिखे। जो सूरज भाई अभी भी मुझे एक दम लाल दिख रहे हैं, उनको यह बदमाश पीला दिखा रहा है। एकदम मीडिया की तरह धूल झोंक रहा है मेरी आँखों में। किससे पैसे खाये हैं इसने, देखना पड़ेगा।
मन तो कर रहा है अपने मोबाइल का नार्को टेस्ट करा दूं। लेकिन यह विचार आते ही मन दहल गया कि इसका 'नार्को टेस्ट' होगा तो अपना 'नरक टेस्ट' हो जाएगा।
हमने कदम वापस खींच लिए क्रीज में और समझदार नागरिक की तरह भली बातें सोचने लगे।

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