तकल्लुफ से,तसन्नों* से अदाकारी से मिलते हैं
हम अपने आप से भी बड़ी तैयारी से मिलते हैं।
बहुत जी चाहता है दोस्तों से हाल-ए-दिल कहिये
मगर क्या कीजिये कि दोस्त भी दुश्वारी से मिलते हैं।
हमारे पास भी बैठो अगर फुरसत कभी पाओ
हम दरवेश हैं सबसे रवादारी(खुलेपन) से मिलते हैं।
यहां अब आस्तीनों में कोई खंजर नहीं वाली
एक दूसरे से लोग होशियारी से मिलते हैं।
- स्व. वाली असी
*तसन्नों-बनावटीपन
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