1. आदमी के मरने पर उसके कुरते या जूते को उसके साथ नहीं जलाते, पर स्त्री को जला देते हैं। धन्य है यह महान संस्कृति।
2. धार्मिक समारोह जूते चुराने और जेब काटने के लिये होते हैं। यही सच्ची भक्ति है।
3. सच्चा राजनेता ऐसा ही होता है। वह जीत के बाद निर्लज्ज और अनैतिक हो जाता है। हार के बाद नैतिक और लज्जाशील हो जाता है।
4. सच्चा सिपाही वह होता है जो उसी खजाने को लुटवा देता है, जिसकी रक्षा के लिये वह तैनात है।
5. लड़की की शादी में जैसे लड़कावाला दहेज लेता है वैसे ही दक्षिणपन्थी इन पार्टियों का टिकट जब किसी को पेश किया जाता है, तो वह पूछता है –साथ में रुपये कितना दोगे? गोया इन पार्टियों का टिकट कानी लड़की है, जिस पर खासा दहेज लगता है।
6. हमारे देश में फ़ासिस्ट संगठन हैं। प्रजातन्त्र-पद्धति के विरोधी हैं। पर ये प्रजातन्त्र की कसम खाते हैं और अब कह रहे हैं कि देश में प्रजातन्त्र का नाश हो रहा है। यह ऐसा ही हुआ कि एक लड़के ने अपने मां-बाप को मार डाला। जब अदालत में पेश किया गया तो न्यायाधीश से कहता है- हुजूर , मुझे माफ़ किया जाये, मैं अनाथ हूं।
7. खण्डन उस आदमी का कारगर होता है जिसके बारे में लोग यह विश्वास करते हों कि यह सच भी बोलता है। जब लोग यह माने बैठे हैं कि ये तो हमेशा झूठ ही बोलते हैं, तब खण्डन को एक और झूठ मान लिया जाता है।
8. छोटे लोग जब किसी दुर्घटनावश या भाग्यवश सत्ता के पदों पर पहुंच जाते हैं, तब वे मुंह ऊपर करके देखते हैं कि हमारे ऊपर कौन है। उन्हें ऊपर कोई दिख जाता है कुछ उस पर थूकने की कोशिश में अपने ऊपर ही थूक गिरा लेते हैं।
9. कुछ लोग अपनी कब्र पर लगाया जाने वाला पत्थर खुद तैयार करवा लेते हैं। कुछ अपना श्राद्ध खुद कर डालते हैं। ये लोग बड़े दूरदर्शी होते हैं।
10. फ़िल्म-व्यवसाय ऐसी ऊंची किस्म के भौंड़ों के हाथों में है कि प्रेम के दृश्य में वे यह दिखाने की इच्छा रखते हैं कि प्रेमी-प्रेमिका एक-दूसरे को सलाद के साथ खा रहे हैं।
11. दुहरी नैतिकता में जीने वाले हम लोग कमाल करते हैं। कृष्ण की चीर-हरण-लीला को भक्तिभाव से सुनते हैं, क्योंकि वह भगवान कृष्ण का मामला है। पवित्र है। कालिदास और जयदेव के घने वासना-प्रसंगों को पढ़ने –पढ़ाने देते हैं, क्योंकि वे संस्कृत में, देववाणी में हैं और देवता या सामन्त के विलास के बारे में हैं। कालिदास या जयदेव ने यह कहीं नहीं लिखा कि कोई नौकर नौकरानी का चुम्बन ले रहा था। छोटे-टुच्चे लोगों का प्रेम ही अनैतिक और अपवित्र होता है।
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