फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
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Thursday, March 24, 2022
धर्म छोटे बड़े नहीं होते
धर्म छोटे बड़े नहीं होते
जानते तो लड़े नहीं होते
चोट तो फूल से भी लगती है
सिर्फ़ पत्थर कड़े नहीं होते।
यह
सबसे पहला मुक्तक था जो मैंने सुना था विनोद जी का। सुनिए आप भी।
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