Sunday, July 24, 2016

अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो

कल निकल लिए समय पर दफ़्तर के लिए। लेकिन लगा कुछ ऐसा कि गुरु देर हो गयी। ऐसा लगते ही गाड़ी सरपट हाँकी। एक्सिलेटर जरा जोर से दब गया तो गाड़ी जोर से हुँहुआई। मानो बोल रही हो -'जय बजरंगबली।' शनिवार के दिन लगता है शनीचर सवार हो गया था गाड़ी पर सुबह-सुबह।
यह भी हो सकता है कि जयबजरंग बली की जगह बोली हो - ' काहे जान आफत किये हो बुढ़ौती में हमारी। सुबह-सुबह दौड़ा दिए।' कहते हुए ढेर सारा धुंआ मय पेट्रोल सड़क पर उगल दिया। सड़क किनारे के पेड़ो की पत्तियों ने हिलडुल कर अपनी जान धुएं के कार्बन डाइआक्साइड से बचाने की कोशिश की। कुछ टहनियों ने पत्तियाँ ऊपर की तरफ उचका लीं जैसे महिलाएं पानी भीगी सड़क पर गीली होने से बचाने के लिए साड़ी उचका लेती हैं। कुछ तो साथ में खुद भी थोड़ा उचक जाती हैं।
कुछ पत्तियाँ धुंए से खांसने लगीं। कुछ टहनियां कहने लगीं -'इससे अच्छा तो जंगल में पैदा करता भगवान हमें। कहां लाकर खड़ा कर दिया सड़क किनारे।'
इस पर कोई टहनी बोली-'खुदा का शुकर मनाओ हाई वे किनारे खड़े हो। किसी जंगल में होते तो क्या पता अब तक कट-कुटा के कहीं हिल्ले लग गए होते। हाई वे पर कम से कम जिंदगी तो सुरक्षित है। कटोगे तो नहीं। एक नम्बर तो है हमारे पास। पेड़ का नम्बर होना बड़ी बात है। अमेरिकन वीसा और आधार कार्ड मिलने जैसा है पेड़ को नम्बर मिलना। न जाने कित्ते गुमनाम पेड़, जिनका कोई नम्बर नहीं है, रोज कट जाते हैं। कुछ पेड़ तो इसलिए कट जाते हैं ताकि जगह खाली हो और वृक्षा रोपण किया जा सके।'
पेड़ पर और कोई न जाने क्या बोला हम सुन नहीं पाये। लेकिन यह आगे बढ़ते हुए यह जरूर देखा कि ऊपर की पत्ती सामने खिले फूल को देखते हुये इठला रही थी और हवा के साथ सीटियां बजाते हुए शायद गाना गा रही थी -'अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो।'
सेक्टर 4 मतलब फजलगंज और जरीब चौकी के बीच एक बच्चा साईकल का टायर अपने हाथों के सहारे हांकता हुआ भगा चला जा रहा था। कुछ देर पहिये को लुढ़काने के पहिया एकदम सीधा होकर चलने लगा। बच्चा खुश सा होकर कुछ देर चलाता रहा उसको। फिर एक खुली दुकान पर बैठ गया। टायर को गोद में रख लिया। बच्चे को टायर गोद में रखे देखकर एयरपोर्ट में जहाजों का इन्तजार करते लोग याद आये। लोग जहाज का इन्तजार करते हुए बैठते हैं। बच्चा पता नहीं किस चीज के इंतजार में था।
बच्चे के बगल में ही एक बच्चा पीठ पर बस्ता लादे स्कूल जाने के इंतजार में खड़ा था। शायद बस या रिक्शे के इंतजार में हो। एक ही उम्र के बच्चों के लिए अलग-अलग स्कूल हैं। टायर खेलता बच्चा बिना पैसे के जिंदगी के स्कूल में दाखिल हुआ और बस्ते वाला बच्चा फ़ीस वाले स्कूल ने जा रहा है। शायद आना दोनों को बाद में सड़क पर ही है। जिंदगी के स्कूल वाला बच्चा पहले आ गया।
साईकल के टायर से खेलते बच्चे को देखकर याद आया कि कई दोस्त पुराने दिनों को याद करते हुए लिखते हैं कि अब टायर नहीं चलाते लोग, उतरे कपड़े नहीं पहने जाते। दुनिया बदल गयी है। मुझे लगता है दुनिया बदलती नहीं है। कुछ सीन भले बदल जाते हों। जो दुनिया कल तक हमारे लिए थी वो किसी दूसरे के हिस्से में आ जाती है। बड़े होने पर नए कपड़े मिल जाते कुछ लोगों को तो पुराने कपड़े दूसरों को मिल जाते हैं। यह सब कुछ दीखता भले न हो लेकिन खत्म नहीं होता। अभाव, गरीबी, गैरबराबरी लगता है अमरौती खाकर आये हैं।
बगल की गली में एक महिला अपने घर की देहरी पर बैठी न जाने क्या सोच रही थी। शायद उस तक अभी स्मार्टफोन नहीं पहुंचा। पहुंचता तो सुबह-सुबह वाली गुड मॉर्निंग कर रही होती मित्रों से।
दिन में फिर एक आदमी दिखा टायर लुढ़का कर ले जाते हुए। गोल होने के चलते टायर की नियति ही लुढ़ककर चलना है। जब तक बेरोजगार रहता है, हवा नहीं भरती तक तक आराम से लुढकता है। जहां हवा भर जाती कोई पहिया मिल जाती है, सरपट भागने लगता है। हवा से बातें करता है। एक मिनट की फुर्सत नहीं मिलती। जुटा रहता है कार को आगे ले जाने में जैसे कामगार अपनी कम्पनी को आगे ले जाने में जुटे रहते हैं। दोनों को तब तक छुट्टी नहीं मिलती जब तक पंचर न हो जाएँ।
एक साईकल वाले भी दिखे कल। कन्धे पर लोहे के पाइप लादे साईकल हांकते चले जा रहे थे आगे। जितनी तल्लीनता से वे कन्धे पर पाइप लादे चले जा रहे थे उतने मनोयोग से अगर देश के कर्णधार देश को आगे ले जाते तो देश न जाने कहां पहुंच गया होता। लेकिन कर्णधारों को गाली -गुप्तारी की नौटँकी से फुरसत मिले तब न।
खैर, छोड़िये ई सब। आप मजे करिये। इतवार है। कुछ की छुट्टी भी होगी। सो मजे करिये। बाकी तो सब चलता ही रहता है। है कि नहीं। बस जरा मुस्कराते रहिये। मुस्कान पर अभी तक कोई टैक्स नहीं लगा। मुस्कराते हुए लोग खूबसूरत भी लगते हैं। यकीन न हो तो देखिये मुस्कराकर। ऐसे 
चित्र में ये शामिल हो सकता है: 1 व्यक्ति, बाहर
चित्र में ये शामिल हो सकता है: 1 व्यक्ति, बैठे हैं, बच्चा और बाहर
चित्र में ये शामिल हो सकता है: एक या अधिक लोग, कार, वृक्ष और बाहर
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