भारत सरकार के आत्म निर्भर अभियान के अंतर्गत आयुध वस्त्र निर्माणी, शाहजहाँपुर ने 11 अगस्त को बहुत ऊंचाई पर प्रयोग में आने वाली वर्दी आयुध निर्माणी बोर्ड के महानिदेशक एवं चेयरमैन श्री हरिमोहन जी Hari Mohan द्वारा 'लांच' की गयी।
आयुध निर्माणी बोर्ड, कोलकता द्वारा संचालित इस कार्यक्रम में महानिदेशक एवं चेयरमैन के साथ आयुध निर्माणी बोर्ड , कोलकता के सदस्य श्री सी.एस. विश्वकर्मा, सदस्य श्री ए.के.जैन, सदस्य वित्त , उपमहानिदेशक श्री गगन चतुर्वेदी तथा श्री प्रकाश अग्रवाल उपस्थित थे। कार्यक्रम का शानदार संचालन श्री गगन चतुर्वेदी ने किया।
1914 में स्थापित आयुध वस्त्र निर्माणी, शाहजहाँपुर में हर तरह की वर्दी, कम्बल, जर्सी, मोजे आदि का उत्पादन होता है। इसके अलावा टेंट आदि भी यहां बनाये जा चुके हैं। ऊंचाई पर प्रयोग में आने वाली वर्दियों का उत्पादन यहां की विशेषता है।
भारत सरकार की आत्मनिर्भर योजना विदेशों से आयात किये जाने वाले सामान को अपने देश में बनाने की योजना है। इस क्रम में आयुध वस्त्र निर्माणी, शाहजहाँपुर में ECWCS मतलब एक्ट्रीम कोल्ड वेदर क्लाडिंग सिस्टम बनाकर लांच किया गया।
ECWCS सिस्टम 18000 फुट से अधिक ऊंचाई पर काम आने वाली वर्दी है जहां तापमान शून्य से 50 डिग्री नीचे रहता है और हवाओं की रफ्तार 40 किमी/घण्टा तक रहती है।
यह सिस्टम तीन भागों में है। अंदर वाला सिस्टम शरीर के पसीने को बाहर भेजता है। बीच वाला सिस्टम शरीर की गर्मी को अंदर रखता है। सबसे ऊपर वाला सिस्टम हवा, बर्फबारी और तेज हवाओं से मुकाबला करता है।
अभी तक यह वर्दी सिस्टम विदेश से आयात होता है। देश में बनने के बाद लगभग 100 करोड़ विदेशी मुद्रा की बचत होगी। हमारे उत्पाद की कीमत विदेशी कीमत से कम होगी।
हमारी वर्दी का ट्रायल आईटीबीपी द्वारा किया जा चुका है। हर मायने में यह वर्दी के मानकों और आराम के लिहाज से उपयुक्त पाई गई। सेना से इसका ट्रायल होने के बाद इसका उत्पादन शुरू होगा।
ठंड में आराम के लिए वर्दी का वजन कम होना चाहिए और वर्दी की क्लो वैल्यू अधिक होनीं चाहिए। क्लो वैल्यू मतलब सर्दी में आराम महसूस करने का पैमाना। बिना कपड़े के इंसान की क्लो वैल्यू शून्य होती है। जाड़े के कपड़े , शूट आदि की क्लो वैल्यू लगभग 1.0 होती है। एस्किमो जो कपड़े पहनते हैं उनकी क्लो वैल्यू 4.0 होती है। ECWCS जो आयुध वस्त्र निर्माणी, शाहजहांपुर में बना है इसकी क्लो वैल्यू 5.5 है। मतलब बहुत ऊंचाई पर 'सर्दी में भी गर्मी का एहसास' होगा इसे पहनकर। इसका वजन है केवल 4.5 किलोग्राम।
इस ड्रेस सिस्टम में सारा सामान देशी है। इसको बनाने में आईआईटी दिल्ली से शुरुआती सहयोग मिला।
उत्पाद की लांचिंग वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा महानिदेशक और चेयरमैन द्वारा की गई। इस मौके पर अन्य निर्माणियों के उत्पादों की भी लांचिंग हुई और कुछ ग्राहकों को सौंपे भी गए।
कोरोना काल में जब सब कुछ ठप्प सा है, स्थगित है तब आयुध निर्माणियां काम कर रही हैं, नित नए प्रतिमान रच रही हैं आने ध्येय वाक्य -'विनाशय च दुष्कृताम' के साथ।
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