आज का दिन हमारे छोटे साहबजादे Anany और उनके दोस्तों के लिए खास रहा। आज वे घुमक्कड़ी की मंजिलें तय करते हुए 'एवरेस्ट बेस कैंप' पहुंचे। कठिन रहा सफर। आज का दिन बहुत मेहनत भरा रहा। खासकर अनन्य और उसके दोस्त मोहित के लिए। आज उनको दो दिन के बराबर चढ़ाई करनी पड़ी। थकान इतनी जितनी, बकौल अनन्य, जिंदगी में कभी हुई नहीं।
हुआ यह कि कल इनकी टीम की एक साथी को आक्सीजन की कमी महसूस हुई। बाकी साथी आगे बढ़ गए थे। साथी का आक्सीजन लेवल 44 बता रहा था। ये लोग वहीं रूके। अपनी समझ से साथी की देखभाल की। फोन पर यहां डॉक्टर से सलाह ली। आखिर में साथी को नीचे भेजा। वहां वह अब ठीक है। अनन्य और मोहित वहीं रुक गए। एक दिन साथियों से पिछड़ गए।
आज ही एवरेस्ट बेस कैम्प पहुंचने का सभी का प्रोग्राम था। अनन्य और मोहित एक दिन पिछड़ गए थे। लेकिन अंततः आज ही चढ़ाई पूरी करके एवरेस्ट बेस कैंप पहुंच गए।
संयोग से आज एवरेस्ट दिवस भी था। आज के ही दिन 69 साल पहले 1953 को शेरपा तेनसिंह और सर एडमंड हिलेरी ने पहली बार एवरेस्ट पर कदम रखे थे। जिस शिखर पर आज के दिन ये दो महान पर्वतारोही पहुंचे, उसकी तलहटी पर आज के ही दिन पहुंचना अपने में खास, खुशनुमा एहसास रहा होगा।
अनन्य , काजल और उनकी टीम को बधाई। फिरगुन ट्रेवेल्स की शानदार शुरुआत के लिए बधाई। सभी बच्चों को प्यार।
अनन्य और उनकी टीम की घुमक्कड़ी से जुड़े फोटो और वीडियो देखने के लिए ananyshukla के इंस्टाग्राम खाते पर पहुंचे।
हमारे बच्चे हमको भी घुमक्कड़ी के लिए उकसा रहे हैं।
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