Wednesday, April 17, 2013

हमारा प्रधानमंत्री कैसा हो?

http://web.archive.org/web/20140403093603/http://hindini.com/fursatiya/archives/4181

हमारा प्रधानमंत्री कैसा हो?

पी.एम.ऐसा चाहिये, जिससे सब कुछ सध जाये,
काम बने सब देश के, औ विदेश भी निभि जाये। होय कड़क डायमंड सा, जिससे सब कुछ कटि जाये,
अस झुके कभी मौका पड़े, मक्खन भी लजि जाये।
बुद्धिमान हो बहुत वो, जिससे सब दु्निया थर्राय,
कबहूं जब मौका पड़े, फ़ुल बौढ़मचंद बनि जाये।
होय गरीबों का रहनुमा, उनकी गरीबी देय भगाय,
सब अमीर उसकी सुने,उनकी सब बिगड़ी देय बनाय।
-कट्टा कानपुरी
मीडिया की माने तो आज देश की सबसे बड़ी समस्या अगले प्रधानमंत्री का चुनाव है। जैसे अगला प्रधानमंत्री तय होते ही सब बवाल कट जायेंगे। मीडिया रोज माइक लिये अगला प्रधानमंत्री खोजता रहता है।
जैसे लोग कपड़े की दुकान में जाते हैं। कोई कपड़ा देखते हैं। सीने से लगाकर साथ वाले से पूछते हैं- ये कैसा लगा रहा है। साथ वाला सर हिलाता है-ऊंहुन! जा नहीं रहा है। जा नही रहा मतलब जम नहीं रहा। उसको धर के अगला देखते हैं। वो और नहीं जाता। किसी का रंग पसंद आता है तो फ़िटिंग गड़बड़। फ़िटिंग ठीक तो रंग चुभता है आंखों। दुकान-दुकान घूमता है आदमी लेकिन एक जोड़ी कपड़ा नहीं पसन्द आता। वैसे ही मीडिया रोज एक नया प्रधानमंत्री ट्राई करता है, उतार के धर देता है। कोई पसंद नहीं आता।
मीडिया प्रधानमंत्री की खोज में उसी तरह हलकान है जैसे जवान लड़की का बाप उसके लिये वर की चिंता में घुला जाता है। जहां कहीं कोई जवान लड़का दिखता है, उसकी कुंडली मांग लेता है। मीडिया को भी किसी के साथ पचीस-पचास सांसद दिख जाते हैं वह उसको प्रधानमंत्री टेस्टिंग मशीन में चढा देता है- ये वाला प्रधानमंत्री कैसा रहेगा।
मीडिया लोगों से राय भी लेता रहता है। आपको कैसा पीएम चाहिये। ईमानदार पार्टी वाले कहते हैं उनका प्रधानमंत्री सब बेईमानों को जेल भेज देगा। शायद वो बेईमानी का कोई डोप टेस्ट कराये। जिससे उसके प्रधानमंत्री बनते ही ईमानदारी का टेस्ट पाजिटिव/निगेटिव आ जाये। फ़िर तो उसको प्रधानमंत्री बनते ही जेले बड़ी करवाने का काम करना होगा।
भ्रष्टाचार जड़ से उखाड़ फ़ेंकने वाला प्रधानमंत्री किसान टाइप का होगा। दिन भर लिये खुरपी भ्रष्टाचार की गाजर घास उखाड़ता रहेगा।
देश के स्वाभिमान की रक्षा करने वाला प्रधानमंत्री वीर रस का कवि टाइप होगा। ऐसी कड़क आवाज में धमकी देगा पाकिस्तान/बांग्लादेश को कि वे दहल जायेंगे। लेकिन चूंकि अमेरिका और चीन के लोग भारतीय भाषायें जानते नहीं सो उनको जब उसके भाषण का अनुवाद बताया जायेगा तो लगेगा कि देश का प्रधानमंत्री कित्ता विनम्र, मुलायम, समझदार और सहिष्णु है।
गरीबों का रहनुमा हो वह। उसकी आवाज में गरीबों के लिये खूब सारा दर्द होना चाहिये। उसको देखते ही गरीबों को लगे कि अब हमारी गरीबी के दिन गये।
अमीरों के हित की रक्षा वो ऐसे करे जैसे अमेरिका इजरायल की चिन्ता करता है।
जातिवाद विरोधी इत्ता विरोधी हो कि पूछने पर अपनी ही जाति भूल जाये। देशसेवा का व्रत लेते ही मैं अपनी जाति भूल गया। लेकिन मौका पढ़ने पर दुनिया भर के लोगों के कुल/गोत्र/बिस्वा की कुंडली गिना दे।
इतना काबिल हो प्रधानमंत्री कि मंहगाई को माउस से नियंत्रित कर सके। जहां मंहगाई उचके उसको माउस से घसीटकर एक जगह फ़्रीज कर दे डांटते हुये -चुपचाप यहीं बैठी रहो। खबरदार जो जरा सा भी हिली। हिली तो पिट्टी कर देंगे।
रोजगार तो ऐसे पैदा करे जैसे स्टेज पर जादूगर जब मन आता है घड़े से पानी निकालकर धर देता है। जहां लोग रोजगार मांगे वह उछाल के थमा दे जैसे बाबा लोग अपने भक्तों के बीच माला से फ़ूल/प्रसाद उछालते हैं, मुस्कराते हैं। लोग एक रोजगार मांगे वो दस थमा दे। लेव कित्ते चाहिये रोजगार।
देश में ऐसी अमन फ़ैला दे कि एकदम सन्नाटा सा पसर जाये हर तरफ़। अपराधियों को सजा देने का ऐसा जुगाड़ करे कि लगे सजा का एटीएम लगा दिया है। इधर अपराध हुआ उधर सजा निकल के आ गयी। तेज/त्वरित, सस्ता टिकाऊ न्याय।
मीडिया की प्रधानमंत्री की चिता और बेकली देखकर लगता है देश का अगला प्रधानमंत्री तय होते ही सब समस्यायें दुम दबाकर भाग लेंगी।
मीडिया की सरगर्मी देखकर देश की समस्याओं की जान सूख रही है। उनको डर है कि जहां अगला प्रधानमंत्री तय हुआ उनके दिन पूरे हुये।
देश के लोग भी सोच रहे हैं बस कुछ दिन और कामधाम कर लें। जहां अगला प्रधानमंत्री चुना गया बस फ़िर तो आराम-ही-आराम होगा। जो करना होगा अगला प्रधानमंत्री करेगा।
इसके पहले कि मीडिया अगले प्रधानमंत्री का स्पेशीफ़िकेशन फ़ाइनल करे। आप भी अपनी पसंद बता दीजिये कि आपको अगला प्रधानमंत्री कैसा चाहिये?
जरा गंभीरता से बताइयेगा। ये न कहने लगियेगा-
हमारा प्रधानमंत्री कैसा हो,
रामभरोसे जैसा हो।
वर्मा मीडिया शाम तक पचीस ठो रामभरोसे पकड़ लायेगा और प्राइमटाइम बहस में उनसे पूछने लगेगा- प्रधानमंत्री बनने के बाद आप देश कैसे चलायेंगे? किस दिशा में ले जायेंगे?

18 responses to “हमारा प्रधानमंत्री कैसा हो?”

  1. Neeraj Diwan
    कहीं ऐसा ना हो कि सारी समस्याएँ हड़ताल ही कर दें.. चैनलवाले भूखे ही मर जाएंगे.. वही क्यूं.. फिर तो कइयों के लाले पड़ जाएंगे। वैसे फुरसतिया के अनुसार मिस समस्या मारे चिंता के जीरो साइज़ हो रही है। मिस समस्या का मुंह फुला देखकर मेरे चेहरे पर लालिमा छा गई है। सोचता हूं इसका दिल जीत लूं तो पत्रकारिता के धर्म का निर्वहन कर ही लूं।
    पीएम कैसा हो.. अपन दो लाइनें ठेल रहे हैं.. जोड़ लें..
    दिल खुलै पहीने टोपियन सबकी..टैम पड़े सभैय टोपा पहिनाय ।
    खुद पीएम भूखा ना रहैय.. पार्टीजन भी मौज उड़ाय ।।
    Neeraj Diwan की हालिया प्रविष्टी..गड्डी जांदी ए छलांगा मार दी
  2. प्रवीण पाण्डेय
    किसी संत को एक पुस्तक लिखनी पड़ेगी, पीएम संदर्भ। उसमें सारी योग्यतायें और अयोग्यताओं का क्रमवार लेखाजोखा होगा। बचपन से पढ़नी पड़ेगी ताकि बड़े होने के पहले कोई टोपी-टीका जैसी गलती न हो जाये।
    प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..एक दुपहरी
  3. Yashwant Mathur
    हमारा प्रधान मंत्री कट्टा कानपुरी जैसा होना चाहिए।
    सादर
    Yashwant Mathur की हालिया प्रविष्टी..न यह गजल है न कविता है
  4. Yashwant Mathur
    आपने लिखा….हमने पढ़ा
    और भी पढ़ें
    इसलिए कल 18/04/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ….
    धन्यवाद!
    Yashwant Mathur की हालिया प्रविष्टी..न यह गजल है न कविता है
  5. arvind mishra
    इन दिनों चिंतन उचाई के स्तर पर है :-)
    arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..नवरात्र की शुभ बेला और शक्ति पीठों का सांस्कृतिक पर्यटन (सोनभद्र एक पुनरान्वेषण-६)
  6. shikha varshney
    एक लिस्ट ब्लॉग जगत से भी जानी चाहिए :):).
  7. Anonymous
    सन्ता : क्या अब लगता है कि इस देश के दिन बहुरने वाले हैं?
    बन्ता : और नहीं तो क्या? इतना राप्चिक पी.एम. मिलेगा तो दिन बहुरेंगे ही। फुरसत में स्पेसिफ़िकेशन फाइनल किया गया है।
  8. सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
    सन्ता : क्या अब लगता है कि इस देश के दिन बहुरने वाले हैं?
    बन्ता : और नहीं तो क्या? इतना राप्चिक पी.एम. मिलेगा तो दिन बहुरेंगे ही। फुरसत में स्पेसिफ़िकेशन फाइनल किया गया है।
  9. PN Subramanian
    बस लल्लू ना हो.
    PN Subramanian की हालिया प्रविष्टी..गढ़ कुंडार
  10. Yashoda agrawal
    सब हैं लायक
    किसी को भी
    दो बना पी.एम
    पर…
    सच तो ये है
    पद पाते ही
    बन जाते हैं
    नालायक…..
    सादर
  11. Yashoda agrawal
    सब हैं लायक
    किसी को भी
    दो बना पी.एम
    पर…
    सच तो ये है
    पद पाते ही
    बन जाते हैं
    नालायक…..
    सादर
    Yashoda agrawal की हालिया प्रविष्टी..इंसानियत चाहे हर इंसान………………………….मंजूषा हांडा
  12. Anonymous
    जो भी पत्ता फेंको वही बादशाह वाला निकल जाता है ……
  13. shefali
    जो भी पत्ता फेंको वही बादशाह वाला निकल जाता है ……
  14. Rekha Srivastava
    प्रधान मंत्री का चुनाव हम ब्लॉग पर ही क्यों न कर लें? अपने को गुण बखान किये हैं न खोजने पर सब मिल जायेंगे. राजनीती में तो बड़ी राजनीती है – यहाँ पर सब साफ सुथरा है और देश के हित में भी रहेगा.
    Rekha Srivastava की हालिया प्रविष्टी..हौसले को सलाम ! (12)
  15. समीर लाल
    मैं खुद से तो कैसे खुद को प्रपोज करुँ…
  16. soniya srivastava
    aisa PM to computer engineer ko design karna padega. Saare specifications daal k Robot bana de. Aapke guidance mei jyada achha banega. Kyu na IIT Kanpur se design karaya jaaye? Sasta aur tikau padega aur sarkari alag?
  17. Rashmi Swaroop
    एक में तो ये सबकुछ होने से रहा… इत्ते सारे पी. एम…. एक कुर्सी पर कैसे बैठेंगे एक साथ? :P
    जब सब समस्याएं दूर हो जाएँगी तो फिर इन प्रधानमन्त्री’ज़ को कुर्सी से रिमूव करना ही कहीं एक समस्या ना बन जाए…!
    Rashmi Swaroop की हालिया प्रविष्टी..अपना गाँव… पार्ट 2
  18. : फ़ुरसतिया-पुराने लेख
    [...] हमारा प्रधानमंत्री कैसा हो? [...]

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