Thursday, December 26, 2013

सांता क्लॉज की उलझने

http://web.archive.org/web/20140209195544/http://hindini.com/fursatiya/archives/5291

सांता क्लॉज की उलझने

santa1कल क्रिसमस था। क्रिसमस माने बड़ा दिन। मेरी क्रिसमस।
इस मौके पर सांता क्लास के किस्से पढ रहे थे। पता चला कि सांता 24 दिसम्बर की शाम या देर रात के समय के दौरान अच्छे बच्चों के घरों में आकर उन्हें उपहार देता है।
पता नहीं कहां-कहां गया सांता इस बार। पता नहीं किस बच्चे को क्या उपहार दिया। जिनको कुछ दिया वे सही में अच्छे बच्चे हैं या सांता को झांसा देकर उसकी नजरों में अच्छे बन गये। अच्छे बच्चे किस तरह चुनता है सांता यह भी जांच का विषय है। अकेले चुनता है वह अच्छे बच्चे या कोई टीम काम करती है उसके साथ जो उसको सहायता देती है अच्छे बच्चों के चुनाव में। वह कैसे दुनिया भर में अच्छे बच्चे चुन लेता है? वह अच्छे बच्चे चुनने के लिये किस इलाके में जाता है।
जो भी हो लेकिन सांता भला आदमी लगता है। सादगी पसंद भी। सालों से एक ही ड्रेस से काम चला रहा है। उसका दर्जा आलादर्जे का होगा। ऐसे कपड़े सिले कि सालों पहनने के बाद भी नये बने हुये हैं। दाड़ी तक नहीं बनाता। रेजर ब्लेड और सेविंग क्रीम के पैसे बचाकर गरीबो में बांट देता है।
इधर जब से लोकपाल कानून बना तब से मुझे सांता क्लॉज की चिंता सता रही है। लोकपाल भ्रष्टाचार की खिलाफ़ जांच करने का वायदा किया है। मुझे डर है कि सांता क्लॉज की भलमनसाहत से जलने वाला कोई सांता की शिकायत न कर दे लोकपाल से कि इसके पास इत्ता पैसा कहां से आता है जो ये हर साल दुनिया भर के बच्चों को उपहार बांटता रहता है। बड़ी बात नहीं कि शिकायत की जांच के लिये कोई दरोगा सांता को थाने में बैठा ले और उसके खिलाफ़ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा ठोंक दे।
सांता क्लॉज अक्सर बच्चों के घरों में खिड़कियों से उनके लिये उपहार रखता रहा है। ये पुराने जमाने की बात रही होगी जब हर घर में खिड़की होती होगी। एक मंजिल के घर की खिड़की से उपहार गिराना तो आसान काम है। लेकिन आजकल जब इमारतें पचास-पचपन-सौ मंजिला होने लगी हैं तो वहां कैसे पहुंचता होगा सांता? सोसाइटियों के गेट तो बन्द हो जाते हैं रात को, दरबान गेट पर रहता है वहां कैसे घुस पाता होता सांता? सोचकर अचरज होता है।
सांता की भलमनसाहत पर हमें कोई शंका नहीं न उसके इरादे पर। लेकिन लगता है उसका बच्चों में उपहार बांटने का तरीका थोड़ा रूढिवादी सा है। वह केवल उन्हीं बच्चों को भला मानता है जिनके घर मे पीछे खिड़की है। केवल उनको ही अच्छा मानता है जिनके पास घर है। अगर ऐसा नहीं होता तो सांता उन बच्चों के पास भी उपहार बांटने जाता जिनके पास घर नहीं हैं। जो झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं। राहत शिविरों में रहते हैं। खुले आसमान के नीचे रहते हैं।
कल मैं मुजफ़्फ़र नगर के दंगों में बेघर हुये लोगों के बच्चों की एक डाक्यूमेंट्री देख रहा था। उसमें दो समुदायों के बच्चे जो दंगे के चलते अलग हो गये अपने बिछुड़े दोस्तों को शिद्दत से याद कर रहे थे। सब गरीब के घरों के बच्चे। सांता कहीं मिलेगा तो पूछुंगा कि वह मुजफ़्फ़रपुर के राहत शिविर में गया कि नहीं? वहां बच्चों को उपहार बांटे कि ऐसे ही खाना पूरी करके निकल लिया?
सांता से सवाल पूंछने की बात सोचते हुये मुझे लगा कि अपन भी उन निठल्लों की तरह हो गये हैं जो खुद तो कुछ करते नहीं पर दूसरों की नेकनीयती में झोल देखते रहे हैं। खुद सांता सरीखा बनने की बजाय सांता पर सवाल उठा रहे हैं। भले आदमी की उलझन बढा रहे हैं।

5 responses to “सांता क्लॉज की उलझने”

  1. रचना त्रिपाठी
    अब तो देव भी मठाधीशों के घर में ही विराजते हैं..
    :(
    रचना त्रिपाठी की हालिया प्रविष्टी..बेचारी कांग्रेस..!
  2. सलिल वर्मा
    अब इतना सवाल का गोली दाग दीजियेगा त बेचारा जो साल में एक बार आता है, ऊहो आना बन्द कर देगा… कहेगा – का जाएँ, ई सुकुल जी एतना ना बात पूछते हैं कि हम उनका जवाब दें कि अपना काम करें! अब बताइये मुजफ्फर नगर का दंगा हो चाहे कोई बालक भूखा नंगा हो, आप लोग दंगा सिबिर आबाद की जिएय अऊर हमसे पूछिये कि हम ओहाँ गये कि नहीं!! सुकुल जी, हम तो खुद चाहते हैं कि सब बच्चा को सबकुछ मिले ताकि हमरा जरूरते न रहे.. तनी हमारा काम करके देखिये, हर आदमी अगर सांता बन जाए त हम अपने आना छोड़ देंगे!! मगर जब तक आपलोग नहीं बनियेगा, हमको त आना ही होगा साले-साल.. अब चाहे लोकपाल बइठा दीजिये चाहे द्वारपाल..!!
    सलिल वर्मा की हालिया प्रविष्टी..तुम मुझमें ज़िन्दा हो
  3. Swapna Manjusha
    आप तो सांता का क्लास ले लिए :)
    Swapna Manjusha की हालिया प्रविष्टी..बेचारा एक आम आदमी !!!
  4. Swapna Manjusha
    आप तो सांता का क्लास भी ले लिए और सांता पर इतने सारे clause भी लगा दिए :)
    Swapna Manjusha की हालिया प्रविष्टी..‘देवयानी-संगीता’ घोटाला…..
  5. Blog Chiththa
    आपकी इस ब्लॉग-प्रस्तुति को हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ कड़ियाँ (26 दिसंबर, 2013) में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,,सादर …. आभार।।
    कृपया “ब्लॉग – चिठ्ठा” के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग – चिठ्ठा
    Blog Chiththa की हालिया प्रविष्टी..हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ कड़ियाँ (26 दिसंबर, 2013)

Leave a Reply

No comments:

Post a Comment