अभी तक अपन की सात किताबें आ चुकी हैं:
1. पुलिया पर दुनिया
2. बेवक़ूफ़ी का सौंदर्य
3. सूरज की मिस्ड काल
4. झाड़े रहो कलट्टरगंज
5. घुमक्कड़ी की दिहाड़ी
6. आलोक पुराणिक -व्यंग्य का एटीएम
7. अनूप शुक्ल -चयनित व्यंग्य
पिछले कई दिनों से अपने लेखन की छँटाई करके किताबें तैयार करने का मन बना रहा। टलता रहा। अमेरिकी यात्रा संस्करण की किताब 'कनपुरिया कोलंबस' तो तैयार भी कर ली थी । एक प्रकाशक को भेज भी दी थी। लेकिन लगता है किताब ग़ायब हो गयी वहाँ से। इस बीच जीमेल की सफ़ाई करते उसकी पांडुलिपि भी उड़ गयी। फिर तैयार करेंगे किताब।
इसके अलावा अपने लिखाई जमा करके कुछ और किताबें तय की हैं प्रकाशित करने को। अभी तक कुल जमा ये किताबें सोची हैं :
1. कनपुरिया कोलंबस -अमेरिका यात्रा पर संस्मरण
2. ट्रेन और हवाई यात्राओं के संस्मरण
3. 'पुलिया पर दुनिया' के आगे के किस्से
4. जबलपुर , कानपुर , शाहजहाँपुर , कोलकता के संस्मरण (चार किताबें)
5. कश्मीर यात्रा के संस्मरण
6. लेह - लद्दाख, गोवा, नेपाल यात्राओं के संस्मरण
7. वयंग्य की जुगलबंदी के लेखों का संकलन
8. कट्टा कानपुरी के शेर संकलन
इन बारह किताबों का मसौदा तैयार है। बस छाँटना बीनना है। ये किताबें छपाने के बाद किताबों की संख्या दो अंको के पार हो जाएगी। ये तो अभी तक लिखे से बनने वाली किताबें हैं। आगे जो लिखेंगे उनसे और किताबें बनेंगी।
किताबों के ईबुक संस्करण बनाएँगे। किंडल भी। प्रिंट आन डिमांड सुविधा के तहत आर्डर करने पर किताब छपेगी।
आपको इस खबर से घबराने की ज़रूरत नहीं है। ये मैंने अपने लिए प्लान तैयार किया है। कोई ज़रूरी थोड़ी कि अमल में लाएँ।
आप बताओ आप मेरी कोई किताब पढ़ना पसंद करेंगे?
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