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आपकी और समीर भाई की फ़ोटो यहा भी है देखे http://images.google.co.in/images?q=गदहे&svnum=10&um=1&hl=en&start=18&sa=N&filter=0&ndsp=18
मगर यहां देख कर कहना पड़ रहा है कि आपको टाईप करने की क्या जरूरत है आप तो टाईप से ज्यादा सुंदर लिख लेते हैं।
अच्छा है, कभी कभी हर तरह के बदलाव और प्रयोग होते रहने चाहियें।
अब इमेज मैप भी बढ़िया बन गया है। फ्लिकर का लिंक हटा दें।
ये कविता सुनाओ, सुनैबे करो;
नयी तकनीक न चमकाओ श्याम पैंया पड़ूं.
@अरुणजी, आपको न जाने गधों से क्या अपनापा लगता है। सब दोस्तों को भी उसी अवतार में देखना चाहते हो। समीरलाल जी भी अभी देखना आयेंगे इंक-ब्लागिंग में।
@आलोक, शुक्रिया! इसी बहाने बहुत दिन टिप्पणी मिली आपकी!:)
@मैथिलीजी, शुक्रिया!
@जीतू, शुक्रिया। लगे हैं, लगे रहेंगे। कभी-कभी हाथ से लिखते रहेंगे।
@प्रेमेन्द्र, शुक्रिया!
@संजय बेंगाणी,हाथ से चिपकाना था न इसे। इस खुशफ़हमी में मत रहो कि हाथ से लिखने से पोस्ट की लंबाई कम हो जायेगी।
@श्रीश, शुक्रिया, लिखना जारी रहेगा।
@समीरजी, आपकी तो सभी कवितायें अच्छी हैं। फिर छांटते क्यों हैं? ये दुबली वाली फोटो उस समय की है जिस समय रमन कौल आपके पास से बिना कविता सुने चले गये थे। यकीनन आप इतने ही दुबले लग रहे थे। न मानते हो तो घर में भाभी से पूछ लो।:)
@जगदीश भाटिया, आप सच कह रहे हैं। नये प्रयास करते रहने चाहिये।
@मान्या, शुक्रिया!
@रत्नाजी, शुक्रिया!
@रचनाजी, शुक्रिया! आगे भी प्रयास जारी रहेंगे!
@अभिनव, भैया समीरजी के कविता-व्यंग्य के विवाद में न पड़ो। इंक-ब्लागिंग शुरू करो! जल्द ही।
@ममताजी. धन्यवाद!
@रमनजी, आओगे अबकी बार कानपुर तब चक्की भी दिखा देंगे। वैसे इंक-ब्लागिंग तो अभी सीख रहे हैं। आगे कुछ और करेंगे।:)
@नितिन, शुक्रिया!
@पाण्डेयजी, नयी तकनीक से घबरायें न! आप तो स्वयं नव्यतम तकनीक के वाहक और प्रयोगकर्ता हैं। कुछ कन्डम न होगा। सब प्रयोग होगा। देखते जाइये।
@सुजाताजी, शुक्रिया। आपको नियमित अपनेपन का एहसास कराते रहेंगे!
@स्वामीजी, शुक्रिया।
पर एक चेतावनी आपने समीर जी कि कविताई को कूड़ा कहा…हम नहीं जानते कि वह कूड़ा है कि नहीं पर तुलसी और पंत के काव्य को कूड़ा कहे जाने पर आप के प्रदेश में खूब उफनाई हो रही है। जेल और अदालत का चक्कर चल रहा है…संभल कर रहें।
बहुत सुन्दर हस्तलिपी और उतना ही सुन्दर लेख। अगले लेख का इंतजार है।
चंदन कुमार मिश्र की हालिया प्रविष्टी..नीतीश कुमार के ब्लॉग से गायब कर दी गई मेरी टिप्पणी (हिन्दी दिवस आयोजन से लौटकर)