Saturday, September 07, 2013

सीरिया, अमेरिका,सुस्मिता और तालिबान

http://web.archive.org/web/20140420082034/http://hindini.com/fursatiya/archives/4711

सीरिया, अमेरिका,सुस्मिता और तालिबान

सीरियासुन रहे हैं कि अमेरिका सीरिया पर हमला करने जा रहा है। सोच रहे हैं कि ये अमेरिका को हमला-फ़मला करने के अलावा और कुछ सूझता नहीं क्या? जब देखो तब उठाये बंदूक टहलता रहता है। कभी इस पर गोली दागी कभी उस पर। कभी वियतनाम तो कभी ईराक तो कभी अफ़गानिस्तान और अब सीरिया। फ़ौज भेजने और वापस बुलाने के अलावा लगता है और कोई काम ही नहीं रह गया है अगले के पास।
मजे की बात कि हमले का हल्ला वो भाई मचा रहे हैं जिनको गद्दी संभालते ही शांति का नोबल थमा दिया गया। नोबल शांति की ट्राफ़ी लिये मिसाइल का बटन दबा रहे हैं। शांति की स्थापना के लिये अशांति मचा रहे हैं।
सीरिया पर हल्ले की बात सुनकर सीरिया के बारे में पढ़ा। इजरायल और ईराक के बीच सैंडबिच सा सीरिया दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं का गवाह रहा है। 1963 से आपातकाल लागू है। साक्षरता 75% शिक्षा मुफ़्त और अनिवार्य। फ़िर भी पचास साल से आपातकाल चल रहा है। ये कैसी साक्षरता है को 75% पढ़े-लिखे लोग 50 साल से आपातकाल बर्दास्त कर रहे हैं। कुछ झमेला जरूर है मिट्टी, हवा ,पानी में वहां की।
बताते हैं कि सीरिया ने रासायनिक हथियारों से लोगों को मारा। यह बात अमेरिका को नागवार गुजरी। उसने कहा कि वो हमला करेगा सीरिया पर। लोगों को मिसाइल से मारेगा। बतायेगा कि रासायनिक हथियारों के मुकाबले मिसाइल बेहतर उपाय है जनसंहार का। सेल्समैन की तरह नरसंहार का मुजाहिरा करेगा। दूसरे देशों को फ़ुसलायेगा – ये अच्छा हथियार है। ले लो। सस्ते में । तुम्हारे लिये दाम कम लगा देंगे। घर बैठे दुश्मन को निपटाने का चौकस हथियार है।
सीरिया से खबरें आ रही हैं कि वहां से लोग भाग रहे हैं। शरणार्थी बनकर हजारों की संख्या में पलायनकर रहे हैं अगल-बगल के देश में। अमेरिकी हमले की खबरें सुनकर पलायन और बढा है। अमेरिका वहां मिसाइल से हमला करेगा। एकदम ठीक निशाने पर लगेंगी मिसाइलें। मजे से टीवी पर देखेगा कि निशाना ठीक लगा कि पांच हाथ दूर गिरी मिसाइल। ठीक लगी तो ’वाऊ’ करके अंगूठा ऊपर करेगा और इधर-उधर गिरी तो ’शिट, मिस्ड इट’ करके दुबारा दागेगा।
कुछ दिन बाद सीरिया जब काम भर का तबाह हो जायेगा तब वो वहां पुनर्निमाण करेगा। तेल लूटेगा। ठेका लूटेगा। अपनी पिट्ठू सरकार बनायेगा। फ़िर दुनिया भर में गाना गायेगा – हमने सीरिया में लोकतंत्र की स्थापना कर दी।
मेराज फ़ैजाबादी का शेर याद आता है:

पहले पागल भीड़ में शोला बयानी बेचना,
फ़िर जलते हुये शहरों में पानी बेचना।

अमेरिका के पास खूब सारे हथियार हैं, खूब सारे बुद्दिजीवी हैं, खूब सारा पैसा है, खूब सारा खाने-पीने को है। अगर उसको लगता है कि किसी देश पर हमला करके उसको बरबाद करना ही सबसे अच्छा हल है उसकी समस्या का तो फ़िर बेचारा वो मजबूरी में हमला करके ही मानता है। फ़िर उसको कोई रोक भी नहीं पाता।
अपनी सोच के अलावा कोई तर्क भी उसके पल्ले नहीं पड़ते।
पिछले दिनों तालिबानों ने सुस्मिता बनर्जी की हत्या कर दी। तालिबानों को समझ में ही नहीं आया कि इस पढ़ने-लिखने वाली, लोगों में जागरुकता फ़ैलाने वाली महिला से कैसे निपटा जाये। मजबूरन उन्होंने उस बहादुर महिला को निपटा दिया।
इसी तरह अमेरिका को समझ में ही नहीं आता कि सीरिया पर हमला करने के अलावा भी उसका कोई इलाज है।
इससे लगता है कि कुछ मामलों में दुनिया के सबसे उन्नत, लोकतांत्रिक देश और एक जाहिल आतंकवादी संगठन की सोच में ’जरको’ फ़र्क नहीं होता।
है कि नहीं?

11 responses to “सीरिया, अमेरिका,सुस्मिता और तालिबान”

  1. पंछी
    agree
    पंछी की हालिया प्रविष्टी..Essay on Independence Day in Hindi
  2. सतीश सक्सेना
    दुनियां से काबुली का ,भरोसा चला गया !
    वह मिट गयी पर सुष्मिता को याद करेंगे !
    सतीश सक्सेना की हालिया प्रविष्टी..अफगानों की छाती पे , ये निशान रहेंगे -सतीश सक्सेना
  3. sanjay jha
    वाओ…………
    @ ’जरको’…………….क्या कहिये’ ???
    @पहले पागल भीड़ में शोला बयानी बेचना,
    फ़िर जलते हुये शहरों में पानी बेचना।……..मार डाला?????
    प्रणाम.
  4. देवेन्द्र बेचैन आत्मा
    आज आपके व्यंग्य की मिसाइल एकदम सही ठिकाने पर लगी है- वाऊ।
    बहुत दिन बाद इत्ता जोरदार पढ़ने को मिला आपके की बोर्ड से या हो सकता है यही मुझे अधिक अच्छा लगा हो !
  5. arvind mishra
    चलिए जनरल नालिज बढ़ा कई दिन से किसी प्रतियोगी छात्र से पूछने वाला था -व्यंगार्जन भी हुआ … आभार!
    arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..हाय रे हिंदी ब्लॉगर पट्टी!
  6. प्रवीण पाण्डेय
    हर ओर नरक मचा रखा है,
    केहि बिधि तारण होय तुम्हारा,
    दुष्कृत दिखहिं तुम्हें जग सारा।
    प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..अगला एप्पल कैसा हो
  7. Abhishek
    है तो ! बिलकुल भी फर्क नहीं.
    Abhishek की हालिया प्रविष्टी..संयोग
  8. रवि
    ब्लॉग का डिफ़ॉल्ट फ़ॉन्ट आकार बढ़ाएं – हम जैसे उम्र दराज लोगों को थोड़ी परेशानी होती है. पर, ये ज्ञान न देने लग जइयो कि कंट्रोल प्लस से खुद क्यों नहीं कर लेते – तो और भी तो पृष्ठ और ब्लॉग हैं इंटरनेट पर…:)
    रवि की हालिया प्रविष्टी..शुक्र है, कि फ़ाइलें ग़ायब हैं!
  9. यशवन्त
    कल 09/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!
  10. Anonymous
    बहुत बढ़िया और धारदार…..
  11. : फ़ुरसतिया-पुराने लेख
    [...] सीरिया, अमेरिका,सुस्मिता और तालिबान [...]

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