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सट्टे का रिकार्ड भी सचिन के नाम
By फ़ुरसतिया on November 14, 2013
आज सचिन अपना आखिरी मैच खेल रहे हैं। मुंबई में 200 वां टेस्ट खेलने के बाद ‘क्रिकेट भगवान’ रिटायर हो जायेंगे।
पूरा मीडिया सचिन मय है। मीडिया की सड़क पर बैरीकेटिंग लगा दी है। सचिन की खबर के अलावा और कोई खबर अन्दर नहीं घुसेगी। चिल्लर खबरों की तो खुदै हिम्मत नहीं आज ’मीडिया दरबार’ में घुसने की। बाकी जो एकाध आयेंगी वो बहुत तगड़े सोर्स से घुस पायेंगी।
सिद्धू जी कह रहे हैं सचिन 500 सौ साल बाद भी भगवान माने जायेंगे। सचिन के प्रशंसक के बारे में बताया जा रहा है कि उसने सचिन के चलते नौकरी छोड़ दी। शादी नहीं की। विकट जलवे हैं भगवान के।
कौन जाने कल को 14 नवंबर ’बालदिवस’ की जगह ’सचिन रिटायरमेंट दिवस’ के रूप में जाना जाने लगे।
मीडिया तो एकदम्मै बौराया हुआ है। सचिन के बुखार में आंय-बांय़-सांय हरकत कर रहा है। कल एक टीवी चैनल पर खबर चल रही थी। एंकर कह रहा था—
“सचिन महान हैं क्योंकि —— ? “
इसका सबसे बढिया जबाब दीजिये और मुंबई मैच के दो टिकट पाइये।
हद्द है। भगवान के महान होने के कारण पूछ रहा है मीडिया। सचिन तो शरीफ़ हैं। यथा भगवान तथा भक्त। और किसी कलयुगी महान के बारे में कोई पूछ के देखे कि वो क्यों महान हैं ? उनके भक्त कच्चा चबा जायेंगे उसे।
मैंने सोचा लिखें – सचिन महान हैं क्योंकि वे सच में रिटायर हो रहे हैं।
लेकिन फ़िर यह सोचा कि ऐसा लिखना अच्छी बात नहीं हैं। मीडिया की बालसुलभ कमाई की कोशिशों को क्या ठेस पहुंचाना? है न?
खेल तो जो है सो हैइऐ है। सचिन कमाऊ खिलाडी हैं। खुद तो उन्होंने कमाया ही दूसरों को भी कमाई के मौके उपलब्ध कराये। 3000 करोड़ का सट्टा लगा है सचिन पर। शतक पर सट्टा, डबल शतक पर सट्टा, शून्य पर आउट होने पर सट्टा, पचास बनाने पर सट्टा, कैच होने पर सट्टा, विकेट लेने पर सट्टा। मतलब उनकी हर अदा पर सट्टा है। सट्टा ही सट्टा। सट्टे पर सट्टा।
सचिन के तमाम रिकार्ड में ये भी एक रिकार्ड हो शायद कि वे क्रिकेट के ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके नाम पर सबसे ज्यादा सट्टा लगा। किसी एक खिलाड़ी के नाम पर इत्ते सट्टे नहीं लगे।
इससे ज्यादा विडम्बना क्या होगी कि जो खिलाड़ी कभी सट्टेबाजी में शामिल नही रहा उसके नाम पर सबसे बड़े सट्टे लगें। जिस इंसान ने कभी कोई गड़बड़-सड़बड़ नहीं की उसके नाम पर सबसे बड़े धतकरम हों। मुक्तिबोध के शब्दों में- “किसी व्यभिचार के बन गये बिस्तर।”
लेकिन सचिन के भगवान होने के नाते यह तो होना ही था। भगवान सार्वजनिक सम्पत्ति की तरह होता है। उसके चाहने वाले उसका मनमाफ़िक उपयोग करते हैं। भक्त पूजा के लिये, पुजारी पेट के लिये, बाजार कमाई के लिये, दंगाई दंगे के लिये, सट्टाई सट्टे के लिये तो राजनीतिक पार्टियां सत्ता के लिये। भगवान के बस में दुनिया की भले ही तमाम ताकतें हो लेकिन अपना मनमाना उपयोग रोकने की ताकत नहीं है उनके पास। बहुत निरीह होते हैं इस मामले में भगवान।
एक निठल्ले खेल के महानायक की महाविदाई देने में जुटे हुये मीडिया की कवरेज देखते हुये एहसास हो रहा है मानो अपने यहां क्रिकेट के अलावा और कुछ होना ही नहीं है।
क्या पता अपने देश के मीडिया से कोई पूछे – हमारे यहां वैज्ञानिक हैं, समाज सेवक हैं, कवि हैं, लेखक हैं, गायक है, नेता हैं, विकास है, खुशहाली है, बराबरी है। तुम्हारे यहां क्या है?
इस पर हमारा मीडिया ऐठते हुये कहेगा- हमारे पास सचिन है।
बहरहाल अब जब सचिन रिटायर हो रहे हैं तो उनको शुभकामनायें देते हुये सोच रहा हूं कि बाजार, मीडिया और सटोरिये मिलकर अगला भगवान किसको बनाते हैं। भगवान के बिना बाजार, मीडिया और सटोरियों का गुजारा मुश्किल है।
पूरा मीडिया सचिन मय है। मीडिया की सड़क पर बैरीकेटिंग लगा दी है। सचिन की खबर के अलावा और कोई खबर अन्दर नहीं घुसेगी। चिल्लर खबरों की तो खुदै हिम्मत नहीं आज ’मीडिया दरबार’ में घुसने की। बाकी जो एकाध आयेंगी वो बहुत तगड़े सोर्स से घुस पायेंगी।
सिद्धू जी कह रहे हैं सचिन 500 सौ साल बाद भी भगवान माने जायेंगे। सचिन के प्रशंसक के बारे में बताया जा रहा है कि उसने सचिन के चलते नौकरी छोड़ दी। शादी नहीं की। विकट जलवे हैं भगवान के।
कौन जाने कल को 14 नवंबर ’बालदिवस’ की जगह ’सचिन रिटायरमेंट दिवस’ के रूप में जाना जाने लगे।
मीडिया तो एकदम्मै बौराया हुआ है। सचिन के बुखार में आंय-बांय़-सांय हरकत कर रहा है। कल एक टीवी चैनल पर खबर चल रही थी। एंकर कह रहा था—
“सचिन महान हैं क्योंकि —— ? “
इसका सबसे बढिया जबाब दीजिये और मुंबई मैच के दो टिकट पाइये।
हद्द है। भगवान के महान होने के कारण पूछ रहा है मीडिया। सचिन तो शरीफ़ हैं। यथा भगवान तथा भक्त। और किसी कलयुगी महान के बारे में कोई पूछ के देखे कि वो क्यों महान हैं ? उनके भक्त कच्चा चबा जायेंगे उसे।
मैंने सोचा लिखें – सचिन महान हैं क्योंकि वे सच में रिटायर हो रहे हैं।
लेकिन फ़िर यह सोचा कि ऐसा लिखना अच्छी बात नहीं हैं। मीडिया की बालसुलभ कमाई की कोशिशों को क्या ठेस पहुंचाना? है न?
खेल तो जो है सो हैइऐ है। सचिन कमाऊ खिलाडी हैं। खुद तो उन्होंने कमाया ही दूसरों को भी कमाई के मौके उपलब्ध कराये। 3000 करोड़ का सट्टा लगा है सचिन पर। शतक पर सट्टा, डबल शतक पर सट्टा, शून्य पर आउट होने पर सट्टा, पचास बनाने पर सट्टा, कैच होने पर सट्टा, विकेट लेने पर सट्टा। मतलब उनकी हर अदा पर सट्टा है। सट्टा ही सट्टा। सट्टे पर सट्टा।
सचिन के तमाम रिकार्ड में ये भी एक रिकार्ड हो शायद कि वे क्रिकेट के ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके नाम पर सबसे ज्यादा सट्टा लगा। किसी एक खिलाड़ी के नाम पर इत्ते सट्टे नहीं लगे।
इससे ज्यादा विडम्बना क्या होगी कि जो खिलाड़ी कभी सट्टेबाजी में शामिल नही रहा उसके नाम पर सबसे बड़े सट्टे लगें। जिस इंसान ने कभी कोई गड़बड़-सड़बड़ नहीं की उसके नाम पर सबसे बड़े धतकरम हों। मुक्तिबोध के शब्दों में- “किसी व्यभिचार के बन गये बिस्तर।”
लेकिन सचिन के भगवान होने के नाते यह तो होना ही था। भगवान सार्वजनिक सम्पत्ति की तरह होता है। उसके चाहने वाले उसका मनमाफ़िक उपयोग करते हैं। भक्त पूजा के लिये, पुजारी पेट के लिये, बाजार कमाई के लिये, दंगाई दंगे के लिये, सट्टाई सट्टे के लिये तो राजनीतिक पार्टियां सत्ता के लिये। भगवान के बस में दुनिया की भले ही तमाम ताकतें हो लेकिन अपना मनमाना उपयोग रोकने की ताकत नहीं है उनके पास। बहुत निरीह होते हैं इस मामले में भगवान।
एक निठल्ले खेल के महानायक की महाविदाई देने में जुटे हुये मीडिया की कवरेज देखते हुये एहसास हो रहा है मानो अपने यहां क्रिकेट के अलावा और कुछ होना ही नहीं है।
क्या पता अपने देश के मीडिया से कोई पूछे – हमारे यहां वैज्ञानिक हैं, समाज सेवक हैं, कवि हैं, लेखक हैं, गायक है, नेता हैं, विकास है, खुशहाली है, बराबरी है। तुम्हारे यहां क्या है?
इस पर हमारा मीडिया ऐठते हुये कहेगा- हमारे पास सचिन है।
बहरहाल अब जब सचिन रिटायर हो रहे हैं तो उनको शुभकामनायें देते हुये सोच रहा हूं कि बाजार, मीडिया और सटोरिये मिलकर अगला भगवान किसको बनाते हैं। भगवान के बिना बाजार, मीडिया और सटोरियों का गुजारा मुश्किल है।
Posted in बस यूं ही | 4 Responses
4 responses to “सट्टे का रिकार्ड भी सचिन के नाम”
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Abhishek Chaturvedi November 14, 2013 at 1:18 pm | Permalink |सचिनमय हो गया भारत सारा. सचिन किसी के हों न हों , सटोरियों के भगवान जरूर हैं.
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सट्टे का रिकार्ड भी सचिन के नाम | SportSquare November 14, 2013 at 1:42 pm | Permalink[...] सट्टे का रिकार्ड भी सचिन के नाम [...]
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रचना त्रिपाठी November 14, 2013 at 6:24 pm | Permalink |मेरा तो दिमागे काम नही किया, नही तो एक-आद हम भी लगा लिए होते घरहि में, एक से बढ़कर एक भक्त पडे हैं। आपका लेख पढ़कर दिमाग की बत्ती जली.. थोड़ा और जोर दिए होते तो बच्चों के पास मिंटोफ्रेश पड़ा था खा लिए होते.. लेकिन अफसोस!
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फ़ुरसतिया-पुराने लेख March 30, 2014 at 8:04 pm | Permalink[…] सट्टे का रिकार्ड भी सचिन के नाम […]