Monday, June 19, 2017

हिंदुस्तान जीतेगा, पक्का।


कल सबेरे मेस्टन रोड की तरफ निकले। दुकानों के सामने की 3 - 4 फ़ीट की फुटपाथों पर कई पिच बिछी थीं। अद्धे- गुम्मों के गठबंधन से विकेट बने हुए थे। बॉलर एन्ड पर चप्पलों के ढेर का विकेट बना हुआ था। साधारण लकड़ी का बैट। प्लास्टिक की गेंद। खेल चालू था।

हम रुक कर मैच देखने लगे। फोटो खींचने लगे तो सब बच्चे पोज देने लगे। बल्ले सहित स्टाइल मारते हुए विकेट के सामने खड़े हो गए। हर बच्चे की अलग स्टाइल। मिल कर जमा हो गए विकेट के सामने। पिच के ऊपर।

एक बच्चे ने बैठकर पोज दिया जैसे गेंद को उछालकर मारते हैं। सब खेल में मशगूल।

एक पांच-सात साल का बच्चा पिच के बाद सड़क पार फील्डिंग कर रहा था। हमने उससे पूछा आज मैच में कौन जीतेगा। उसने चेहरे पर बिना कोई भाव लाये बताया- पाकिस्तान। हमने पूछा -हिंदुस्तान काहे नहीं जीतेगा? वो बोला- इण्डिया बुरी है। नाम शायद बताया वाहिद ।

हमने पूछा - तुम रहते कहां हो ?
वो बोला- यहीं रहते हैं। पीछे गली में।

हम कुछ और पूछते तब तक वह बल्ले से निकली गेंद को पकड़ने लपका।

एक बच्चा फील्डिंग करते हुए सड़क और पिच ( फुटपाथ) के बीच की नाली में रपट्टा मारते हुए एक खिलाड़ी को रन आउट करने की कोशिश करता हुआ दिखा। असफल रहा लेकिन पोज अभी तक दिमाग में धंसा हुआ है।

अगली पिच भी बगल ही थी। वहां थोड़े बड़े बच्चे खेल रहे थे। सड़क पार फील्डिंग करते बच्चे अकरम से वही सवाल पूछा -कौन जीतेगा।

बच्चे ने बताया - हिंदुस्तान जीतेगा। पक्का।

हमने पूछा -फेवरिट खिलाड़ी कौन है?

बच्चा बोला -धोनी।

उसके धोनी बोलते ही बीच सड़क पर खड़े फील्डिंग कर रहे बच्चे ने हाथ घुमाते हुए धुर्र धुर्र करते हुए धोनी के हेलिकॉप्टर शॉट की नुमाइश की। जब वह हेलीकॉप्टर शाट का मुजाहिरा कर रहा था एक रिक्शे में सवारी लागे रिक्शा वाला घण्टी बजाते हुए उसको बगलियायते हुए निकल गया। शॉट में व्यवधान न पड़े इस लिए रिक्शा थोड़ा घुमा कर निकाला। सड़क पर जाती बच्चियां लड़कों को खेलते हुए देखती जा रहीं थीं।

आगे फैक्ट्री के पास के मैदान पर बच्चे खेल रहे थे। पटरी से रेल गुजर रही थी। लगान फ़िल्म का सीन। बैटिंग करने वाले बच्चे विकेट की तरफ जा रहे थे। बाकी खिलाड़ी सड़क की पवेलियन पर बैठे हुए थे।

बच्चे पास की कालोनी में रहते हैं। वहां मैदान पर कोई बिल्डिंग बन गयी है। इसलिए घर से दूर खेलने आये हैं। देखते -देखते एक बड़े टिफिन में सबका नाश्ता आ गया। सब उसमें मशगूल हो गए।

एक बच्चे ने मेरी गाडी का नम्बर देखकर अंदाज लगाया -ये गाडी बरेली के पास की है। हमने बताया -शाहजहाँपुर का रजिस्ट्रेशन है।

बच्चे खेल में जुट गए। तब हिंदुस्तान-पाकिस्तान का मैच हुआ नहीं था। फेसबुक पर तमाम लोग हिन्दुस्तान को बाप बताते हुये इसके जीतने के स्टेटस लगा रहे थे। बाद में पाकिस्तान जीत गया।

हो सकता है पाकिस्तान ने हिंदुस्तान को 'हैप्पी फादर्स डे' कहा हो और हिन्दुस्तान ने उससे कहा हो- 'जीते रहो बेटा।'

पाकिस्तान ने इसे जीतते रहो सुना हो और वालिद की बात मानकर जीत गया हो।

कुछ भी कहिये। गजब का जूनून है दोनों मुल्कों में क्रिकेट के लिए। ये न होता तो दोनों मुल्क अपना टाइम कैसे बर्बाद करते।
चित्र में ये शामिल हो सकता है: एक या अधिक लोग और बाहर



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