सूरज की मिस्ड कॉल |
आज शाम को हम दफ़्तर से घर के लिये निकलने वाले थे कि हमारे हमनाम Anoop Mani Tripathi का संदेशा व्हाट्सएप पर मिला। पहले हम सोचे घर जाकर देखेंगे लेकिन फ़िर मन किया देखकर चलें। संदेश उप्र हिंदी संस्थान द्वारा जारी पुरस्कारों की सूची थी। हमने सोचा हमको काहे भेजा भाई जी ने! फ़िर उत्सुकतावश देखा तो एक जगह ’अनूप शुक्ल’ का नाम था। हम सोचे होंगे कोई हमारे नामराशि। अनूप नाम वाले वैसे भी जलवे दिखाते रहते हैं। लेकिन फ़िर बगल में किताब का नाम देखा तो दिखा - ’सूरज की मिस्ड कॉल।’ हम थोड़ा चौकन्ने हो गये।
ऊपर देखा तो इनाम राशि थी ७५०००/- हमें लगा मौज ली जा रही है। लेकिन फ़िर जब देखा तो लगा नहीं ये तो सही में इनाम की घोषणा है हमारे नाम से। ’सूरज की मिस्ड कॉल ’ को यात्रा/ रेखाचित्र / डायरी वर्ग में सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय पुरस्कार मिला। सभी पुरस्कारों की सूची का लिंक यह रहा : https://satyodaya.com/…/lucknow-live/hindi-institute-awards/
मजेदार अनुभव रहा यह। सूरज भाई अभी अमेरिका में चमक रहे होंगे। सुबह मिलेंगे तो बतायेंगे उनको भी। खुश हो जायेंगे। पक्का कहेंगे - ’यार, मजा आ गया। चाय पिलाओ इसी बात पर। किरणें भी खिलखिलाते हुये मजे लेते हुये कहेंगी- आपको इनाम मिल गया। ताज्जुब है, मतलब बधाई हो। किरणें कब बदमाश थोडी हैं।"
किताब आनलाइन http://rujhaanpublications.com/ से प्राप्त कर सकते हैं। किंडल का लिंक नीचे कमेंट बक्से में दिया है।
मजाक-मजाक में मिले इस इनाम के पीछे हमारे तमाम वे पाठक हैं जो हमारी सूरज भाई से जुड़ी पोस्ट्स बांचते रहे और हमारी सच्ची-झूठी तारीफ़ करते हुये हमको लिखने के लिये उकसाते रहे। अपने सभी प्यारे पाठक मित्रों-सहेलियों का आभार।
https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10215097804211963
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