Wednesday, September 21, 2011

तुम जो समझे वो मेरी बात का मतलब नहीं

उसने अपना दर्द बयान किया, आंसू बहाये फ़ेसबुक पर,
सारे अजीज दोस्तों ने उसके स्टेटस को ’लाइक ’ किया।

वो फ़िर पिटा कोई बात नहीं, ये तो रोज का दस्तूर है,
ताज्जुब कि इस बार उसकी गलती भी बताई गयी।

पहले राहगीर को पीटा, फ़िर पहचाना औ कहा धत्तेरे की,
पीटने के बाद पहचान का चलन जरा अजीब लगता है!

तुम जो समझे वो मेरी बात का मतलब नहीं,
हमने जो समझाया वो तो बिल्कुल ही नहीं है।

-कट्टा कानपुरी
 

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