Monday, September 18, 2017

मोबाइल से बचने का आह्वान


कल दफ्तर जाते हुए एक कार दिखी। तमाम 'मोबाइल विरोधी' नारे। मोबाइल से बचने का आह्वान। मोबाइल से जो खतरे हो सकते हैं उनके बारे जानकारी। थर्मोकोल के टुकड़ों पर लिखे नारे कार पर टेप से चिपके।
मोबाइल कह रहा है -मैं तुम्हारा दिमाग खा जाऊंगा।
सच ही है भाई। दुनिया मुट्ठी में करने के चक्कर में अपन मोबाइल के चक्कर में फंस गए।
आगे निकलकर हमने कार रुकवाई। तसल्ली से फोटो लिए। कार में बैठी नेहा अग्रवाल जी से बात की। पता चला कि वे कानपुर क्लब में मोबाइल जागरूकता रैली में प्रतिभाग करने जा रही थीं। पति बिजनेस मैन हैं। वो हाउसवाइफ। बिटिया भी साथ में थी।
हमसे भी पूछ लिया गया -'क्या आप मीडिया से हैं।
हमने कहा - न।
फिर सोचा मीडिया में होते तो 'मजीठिया के इंतजार में' मालिकों को लिखकर दे रहे होते -'हमको मजीठिया नहीं चाहिए।'
बड़ा वाला मोबाइल हाथ में लिए नेहा जी मोबाइल जागरूकता प्रसार रैली में चली गईं। अपन फैक्ट्री की तरफ चल दिये।
अपने अपने काम में लग गए।

https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10212571705221067

No comments:

Post a Comment