Sunday, September 06, 2020

परसाई के पंच- 28

 1. पाकिस्तान ने लगातार फ़ौजी तानाशाही के कारण अपने को एक पेशेवर गुण्डा बना दिया है। उसे पैसे दे दो, लाठी दे दो और कह दो कि जा, उस शरीफ़ आदमी को पीछे से लाठी मार आ। गुण्डा बार-बार पिटता है मगर पेशा नहीं छोड़ता। पेट का सवाल है।

2. सन्तुष्ट और असन्तुष्ट विधायक में यह खुला फ़र्क है कि सन्तुष्ट का बिल दूसरा चुकाता है और सन्तुष्ट को अपना बिल खुद चुकाना होता है। असन्तुष्ट जब सन्तुष्ट हो जाता है तब उसका बिल चुकाने वाले निकल आते हैं।
3. विधायकों की दो जातियां होती हैं- सन्तुष्ट और असन्तुष्ट। इनकी बाहरी पहचान कुछ नहीं है सिवा इसके कि असन्तुष्ट थोड़ा भुनभुनाता रहता है। उसके चेहरे पर तनाव रहता है।
4. राजनीति में जब एक गुट पिट जाता है तो वह असन्तुष्ट होकर जनता के दुखों पर विलाप करने लगता है- हाय ! जनता की हालत कितनी खराब है। पीने को पानी नहीं मिलता। दाम आसमान पर चढ गये हैं। गुण्डागिरी का यह हाल है कि माताएं-बहनें सड़क पर नहीं निकल सकतीं। हाय जनता की हालत देखकर रोना आता है।
5. ये असन्तुष्ट आंसू पोंछने के लिये चार-चार रूमाल रखते हैं। जो धोती पहनते हैं उनकी धोती आंसुओं से भीग जाती है।
6. जब ये असन्तुष्ट सत्ता में पहुंचकर सन्तुष्ट हो जाते हैं तब इनकी जगह नये असन्तुष्ट आकर जनता की हालत पर रोने लगते हैं।
7. अभाव की दाद जब लाइलाज हो जाये, तब उसे खुजाने का मजा लेना चाहिये।
8. वास्तव में क्रांति से सामान्य आदमी को आजादी नहीं मिलती। वह हमेशा गुलाम रहता है। आजदी हमेशा शासक और शोषक वर्ग को मिलती है। इसलिये सामान्य आदमी शगल के लिये क्रांति करे तो उसे प्रहसन (मजाकिया नाटक) की तरह करे, क्रांति को कभी गम्भीरता से नहीं करना चाहिये। यह नाटक हमेशा दुखान्त होता है।
9. कोई देश हो या आदमी हो, अमेरिकी पूंजीवाद-साम्राज्यवाद के खेल में वे ताश के पत्ते होते हैं।
10. गांधीवाद, समाजवाद , धर्मनिरपेक्षता की जो बात की जाती है, वह खास अर्थ नहीं रखती। मूल है, जो भी हाथ पड़ जाये, सत्ता पा लेना। एक पक्का गाना चल रहा है, जिसके बोल हैं-’ प्रभु मैं कैसे सत्ता पाऊं?’
11. हम तो पहले जैसे ही हैं। वही कर रहे हैं। भूख से मरते हैं और चुप रहते हैं। मंहगाई बर्दाश्त करते हैं, बेखटके बच्चे पैदा करते हैं, घटिया फ़िल्में देखते हैं, कच्ची दारू उतारते हैं और पीकर मरते हैं। हरिजनों को जिन्दा जलाते हैं, कृष्णार्पण करके घूस लेते हैं, सस्पेण्ड होने पर ग्रहशांति करवाते हैं।

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