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फ़ेसबुक के स्टेटस
By फ़ुरसतिया on March 17, 2013
आज
दुनिया फ़ेसबुक मय है। जिसे देखो फ़ेसबुक पर गंजा पड़ा है। जिसके पास
अंतर्जाल है वो फ़ेसबुक पर है। दुनिया फ़ेसबुक मय हो ली है। हाल यहां तक कि
काजल कुमार के कार्टून के मुताबिक बच्चे इम्तहान में प्रश्नपत्र के प्रश्न
लाइक करके घर वापस आ जा रहे हैं।
अपन भी फ़ेसबुक पर हैं। रोज सुबह कोई स्टेटस अपडेट न करें तो लगता है गुडमार्निंग नहीं हुई। स्टेटस अपडेट करते ही लगता है सुबह सुहानी हो गई। अच्छा स्टेटस हो गया तो सवा सुहानी। लोगों को स्टेटस पसंद आ गया तो सुबह डबल सुगंधित।
फ़ेसबुक के स्टेटस अपन अपनी सारी मुर्खता और चिरकुटई निकाल के धर देते हैं। हल्के होने का माध्यम है यह दीवार। वैसे भी भारत में दीवारों के बहुमुखी उपयोग होते हैं। फ़ेसबुक की दीवार भी हमारे लिये हल्का होने की जगह है। अपनी सारी शंका/दुविधा/शरारत चिपकाने की जगह।
स्टेटस सटाते-सटाते कई बार स्टेटस के बारे में सोचते रहते हैं। मुझे स्टेटस अक्सर इंसान की तरह ही लगते हैं। कभी-कभी लगता है कि स्टेटस को हमारी बातें कैसी लगती होंगी। उनकी भी तो आत्मा होती होगी। वे भी तो कभी आराम करना चाहते होंगे जब हम उनको ठेल देते हैं -जा बेटा स्टेटस, चढ़ जा फ़ेसबुक पर। लोग लाइक करेंगे।
ऐसे ही पिछले दिनों स्टेटस के बारे में सोचते हुये कुछ स्टेटस फ़ेसबुक पर ठेले मैंने। बवाल भाई ने हालांकि टोका भी है अपन को लेकिन सोचते हैं जित्ते स्टेटस के बारे में जो लिखा और जो सोचते हैं वो एक जगह इकट्ठा कर दें। देखिये आप भी:
वे कैसोहू स्टेट्स लिखें, पर लाइक करें सब कोय।
स्टेटस ऐसा डालिये जिसमें कछु होय हंसी-मजाक,
स्टेटस भी रोअंटे होयेंगे, लोग लाइक करेंगे खाक ?
फ़र्जी ज्ञानी हर गली मिलें, सच्चा मिले न कोय,
ज्ञान छोड़ सब बात करे, है सच्चा ज्ञानी सोय।
सतगुरु हमस्यों रीझिकर, एक कह्या प्रसंग,
मेरे स्टेटस को लाइक कर, वर्ना बहुत होयगा तंग।
कट्टा लफ़ड़ा भी भला, जो सिर्फ़ फ़ेसबुक पर होय,
मारपीट से बचत है, बस लाइक अनफ़्रेंड ही होय।
—-कट्टा कानपुरी
अपन भी फ़ेसबुक पर हैं। रोज सुबह कोई स्टेटस अपडेट न करें तो लगता है गुडमार्निंग नहीं हुई। स्टेटस अपडेट करते ही लगता है सुबह सुहानी हो गई। अच्छा स्टेटस हो गया तो सवा सुहानी। लोगों को स्टेटस पसंद आ गया तो सुबह डबल सुगंधित।
फ़ेसबुक के स्टेटस अपन अपनी सारी मुर्खता और चिरकुटई निकाल के धर देते हैं। हल्के होने का माध्यम है यह दीवार। वैसे भी भारत में दीवारों के बहुमुखी उपयोग होते हैं। फ़ेसबुक की दीवार भी हमारे लिये हल्का होने की जगह है। अपनी सारी शंका/दुविधा/शरारत चिपकाने की जगह।
स्टेटस सटाते-सटाते कई बार स्टेटस के बारे में सोचते रहते हैं। मुझे स्टेटस अक्सर इंसान की तरह ही लगते हैं। कभी-कभी लगता है कि स्टेटस को हमारी बातें कैसी लगती होंगी। उनकी भी तो आत्मा होती होगी। वे भी तो कभी आराम करना चाहते होंगे जब हम उनको ठेल देते हैं -जा बेटा स्टेटस, चढ़ जा फ़ेसबुक पर। लोग लाइक करेंगे।
ऐसे ही पिछले दिनों स्टेटस के बारे में सोचते हुये कुछ स्टेटस फ़ेसबुक पर ठेले मैंने। बवाल भाई ने हालांकि टोका भी है अपन को लेकिन सोचते हैं जित्ते स्टेटस के बारे में जो लिखा और जो सोचते हैं वो एक जगह इकट्ठा कर दें। देखिये आप भी:
- एक ठो झन्नाटेदार स्टेटस दिमाग में उचक रहा है। हम उसको बरज रहे हैं कि बेटा अब इत्ती रात फ़ेसबुक पर मत जाओ जमाना खराब है। कहीं किसी ने लाइक कर दिया तो क्या करोगे? स्टेटस मुंह फ़ुलाकर दिमाग की देहरी पर बैठा है। ये आजकल के स्टेटस भी न बड़े नखरीले होते हैं।
- कई लोगों को टैग करके फ़ेसबुक पर अवतरित स्टेटस(पोस्ट) किसी अस्पताल के आई.सी.यू. में भर्ती मरीज की तरह होता है जिसे हिलाने-डुलाने-चलाने के तीमारदारों की जरूरत होती है।
- फ़ेसबुकिये बगुले की तरह होते हैं। जैसे ही कोई स्टेटस नयी मछली की तरह उछलता है वे उसे लपक के लाइक कर देते हैं।
- आज नहाते समय एक मजेदार स्टेटस सूझा। हमने सोचा पहले उसे पोस्ट कर दे फ़िर नहायें। अधनहाये कमरे में आये तो याद आया कि लैपटाप तो बगल के कमरे का दोस्त ले गया है। वापस आये नहाने। बाद में वो स्टेटस याद बिसरा गया। पता नहीं किसकी वाल पर होगा। क्या हाल होगा। किसी ने लाइक किया कि भूखा प्यारा लाइक मिलने के इंतजार में सूख रहा होगा।
- भूल गये स्टेटस मुझे घर से गायब हो गये बच्चों से लगते हैं। कुछ समय बाद हुलिया तक बिसरा जाता है। सिर्फ़ यही याद रहता है कि एक ठो स्टेटस गुम हो गया।
- कभी-कभी लगता है कि कोई कम धांसू स्टेटस मेरे दिमाग के किसी कोने में पड़ा हमको कोसता होगा कि मैं इस /उस खूबसूरत स्टेटस का जुड़वां स्टेटस हूं लेकिन जरा कम स्मार्ट लगा उस समय तो उसको पोस्ट कर दिया गया। हमारी सुधि आज तक न ली मेरे स्टेटस जनक ने।
- दिमाग से गुम हो गये स्टेटस के बारे में सोचता हूं कि रपट लिखा दू- मेरे दिमाग से एक स्टेटस गायब हुआ। दिखने में थोड़ा शरारती है। बेवकूफ़ी का लिबास पहने है। पहुंचाने वाले को पचीस लाइकस का इनाम।
- ऊपर वाली सूचना में यह भी जो दूं – बेटा स्टेटस तुम जहां कहीं हो वापस आ जाओ। अपन की फ़ेसबुक दीवार सूनी आंखों से तुम्हारी राह ताक रही हैं। अनगिनत टिप्पणियां तुम्हारे इंतजार में लाइकस पांवड़े बिछाये तुम्हारा इंतजार कर रही हैं।
- कल रात एक स्टेटस ने फ़ेसबुक पर जाने से मना कर दिया। बोला -इत्ती रात हम न जायेंगे फ़ेसबुक पर। हमें नींद आ रही है। सोने दो। वो पट्ठा अभी तक सो रहा है।
- स्टेटस मूलत: एक जैसे ही होते हैं। कुछ लोग बेवकूफ़ी से शुरु करते ज्ञान की बात तक पहुंचते हैं बाकी के लोग ज्ञान की बात से शुरु करके बेवकूफ़ी की मंजिल तक पहुंचते हैं। रास्ता दोनों को बराबर तय करना होता है।
मेरी पसंद
सुरतिय, नरतिय, नागतिय यह चाहत सब कोय,वे कैसोहू स्टेट्स लिखें, पर लाइक करें सब कोय।
स्टेटस ऐसा डालिये जिसमें कछु होय हंसी-मजाक,
स्टेटस भी रोअंटे होयेंगे, लोग लाइक करेंगे खाक ?
फ़र्जी ज्ञानी हर गली मिलें, सच्चा मिले न कोय,
ज्ञान छोड़ सब बात करे, है सच्चा ज्ञानी सोय।
सतगुरु हमस्यों रीझिकर, एक कह्या प्रसंग,
मेरे स्टेटस को लाइक कर, वर्ना बहुत होयगा तंग।
कट्टा लफ़ड़ा भी भला, जो सिर्फ़ फ़ेसबुक पर होय,
मारपीट से बचत है, बस लाइक अनफ़्रेंड ही होय।
—-कट्टा कानपुरी
Posted in बस यूं ही | 15 Responses
आ गए जी आ गए !!!!
फुरसतिया जी की जय हो !!!!!
देवांशु निगम की हालिया प्रविष्टी..वो दिन कैसा होगा !!!!
काजल कुमार की हालिया प्रविष्टी..कार्टून :- फ़ेसबुक के साइड इफ़ेक्ट
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“स्टेटस मूलत: एक जैसे ही होते हैं। कुछ लोग बेवकूफ़ी से शुरु करते ज्ञान की बात तक पहुंचते हैं बाकी के लोग ज्ञान की बात से शुरु करके बेवकूफ़ी की मंजिल तक पहुंचते हैं। रास्ता दोनों को बराबर तय करना होता है।”
यानी रास्ता एक ही है… बस दूसरा छोर देखने की बेकरारी है…
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प्रवीण शाह की हालिया प्रविष्टी..एडवांस ऑर्डर मिलने पर होली की उपाधियाँ बांट रहा हूँ… लेंगे क्या ?
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“स्टेटस मूलत: एक जैसे ही होते हैं। कुछ लोग बेवकूफ़ी से शुरु करते ज्ञान की बात तक पहुंचते हैं बाकी के लोग ज्ञान की बात से शुरु करके बेवकूफ़ी की मंजिल तक पहुंचते हैं। रास्ता दोनों को बराबर तय करना होता है।”
यानी रास्ता एक ही है… बस दूसरा छोर देखने की बेकरारी है… गजब है यह फेसबुक तो…
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“उनका स्टेटस लाइक किया लायक समझ कर ,
कमबख्त अन्फ्रेंड कर गई ,नालायक समझ कर ।”
amit kumar srivastava की हालिया प्रविष्टी.." वह काला तिल ………."
रवि की हालिया प्रविष्टी..अब इंटरनैट पर शब्द के अर्थ खोजिए सीधे अरविंद लैक्सिकन पर!
प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..जीने का अधिकार मिला है
भारतीय नागरिक की हालिया प्रविष्टी..पड़ोसी के यहाँ आग लगे, हमें क्या!
मनोरंजक!
अल्पना की हालिया प्रविष्टी..रंग आसमान के…
Abhishek की हालिया प्रविष्टी..स्पेशली मेड फॉर…
Pankaj Upadhyay की हालिया प्रविष्टी..नोट्स…