अरोराजी
सन 47 में अपने पिताजी के साथ पाकिस्तान से भारत आये थे। पढ़ाई के साथ अपना
काम शुरु किया। सन 91 में आय पचास हजार रुपया प्रतिदिन थी। फ़िर बिजनेस में
घाटा हुआ। छह करोड़ चुकाने के लिये तीन मकान, एक गैराज, ट्रक और कई
गाड़ियां बेचीं। इनके पिताजी ने कहा था कि अगर लोगों का पैसा नहीं चुकाओगे
तो वे आत्महत्या कर लेंगे। पैसा चुकाने के तीन माह के बाद पिताजी 96 साल की
उमर में गुजर गये। कभी सौ-सवा सौ लोगों को
रोजगार देने वाले अरोरा जी आजकल दूसरों की टैक्सी चलाते हैं। हाल ही में
रोहिणी में LIG मकान खरीदा है। पिताजी की बात मानने का अफ़सोस तो नहीं है जब
मैंने यह पूछा तो उन्होंने कहा- नहीं, बल्कि सुकून है किसी के कर्जदार
नहीं। हिम्मत और पैसा जुटाकर फ़िर से बिजनेस करने का प्लान है। यह फ़ोटो
दिल्ली एयरपोर्ट पर। (जैसा अरोरा जी ने बताया)
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Wednesday, March 20, 2013
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