कल
शाम जबलपुर में हचककर पानी बरसा। जैसे 31 मार्च को फंड मिलता है तमाम
सरकारी विभागों को इस हिदायत के साथ कि आज ही खर्च करना है।उसई तरह बादल
पानी उड़ेल रहे थे गोया दस मिनट देर हुई तो पानी वापस लाद के ले जाना
पड़ेगा।हवा इतनी तेज चल रही थी कि तमाम बड़े,बूढ़े, जूनियर,सीनियर, मार्गदर्शक
पेड़ औंधे मुंह जमीन पर आ गिरे।
लगता है कि कल हमारे यहाँ हुए सफाई के नाटक से गांधी जी भन्ना गए। उन्होंने नाराजगी जाहिर की होगी। वहीं अनशन पर बैठ गये होंगे स्वर्ग़ में इस दिखावे के खिलाफ।उनको पटाने के लिए बादल और हवा का इंतजाम किया गया होगा। शाम को शायद गांधी जी को वीडियो दिखाया गया हो तो गांधीजी कहीं इस 'औचक हिंसा' के विरोध में वहाँ धरने पर न बैठ गये हों।
लगता है कि कल हमारे यहाँ हुए सफाई के नाटक से गांधी जी भन्ना गए। उन्होंने नाराजगी जाहिर की होगी। वहीं अनशन पर बैठ गये होंगे स्वर्ग़ में इस दिखावे के खिलाफ।उनको पटाने के लिए बादल और हवा का इंतजाम किया गया होगा। शाम को शायद गांधी जी को वीडियो दिखाया गया हो तो गांधीजी कहीं इस 'औचक हिंसा' के विरोध में वहाँ धरने पर न बैठ गये हों।
पुलिया पर गये सुबह
हाल देखने तो वहां पेड़ की एक डाल पेड़ से अलग हो गयी थी। लगा पेड़ की एक
बांह उखड़ गयी हो। या फिर यह जैसे महाराष्ट्र में सालों से एक साथ चुनाव
लडती पार्टियां चुनाव की आंधी में अलग हो गयी हों।
सूरज भाई अपनी रोशनी पुलिया पर ऐसे फेंक रहे थे जैसे टार्च जलाकर पेड़ का घाव अच्छे से देख रहे हों। पेड़ की डाल टूटने से पुलिया पर छाया कम हो गयी है लेकिन यह बात एकदम साफ है कि पुलिया और पेड़ बाकायदा आबाद हैं।
सूरज भाई अपनी रोशनी पुलिया पर ऐसे फेंक रहे थे जैसे टार्च जलाकर पेड़ का घाव अच्छे से देख रहे हों। पेड़ की डाल टूटने से पुलिया पर छाया कम हो गयी है लेकिन यह बात एकदम साफ है कि पुलिया और पेड़ बाकायदा आबाद हैं।
- Sharma Shankar Dwivedi, Premanshu Biswas, AV Av और 57 अन्य को यह पसंद है.
- Virendra Bhatnagar सर्दियों में छाया से ज़्यादा धूप की ज़रूरत पड़ेगी पुलिया पर सुस्ताने वालों को । उसी का इंतज़ाम किये हैं सूरज महाराज इन्दर देओ से कहकर। चिन्ता की बात कोनी
- Kiran Dixit पुलिया की साज सफाई हूई नही थी इसीलिए गांधी जी ने वरुण देवता को आदेश दिया होगा कि पानी बरसाकर पुलिया की सफाई कर दो और सूर्य देवता टार्च लेकर उसकी जाँच करने आए थे कि सफाई हुई कि नहीं!
- Rashid Nadeem · 5 पारस्परिक मित्रKhoobsoorat....
- Vasim Khan सफाई दिवस के चलते बेचारी पुलिया उपेक्षित रह गयी थी तो ईश्वर को स्वयं कुछ तो करना था। अनूप शुक्ल Satish Saxena
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