प्रश्न: नेताजी सुभाष चन्द्र बोस महात्मा गांधी के साथ अन्य नेताओं की तरह मिलकर कार्य नहीं कर सके। ऐसा क्यों हुआ?
बिलासपुर से रामकिशोर ताम्रकार , दिनांक १४ अप्रैल, १९८५
उत्तर: गांधी जी हर चीज को नैतिक आधार देते थे। अहिंसा का रास्ता उनके लिये नैतिकता का रास्ता भी था। सुभाष बोस हिंसा को केवल रणनीति मानते थे। अहिंसा को गांधीजी भी रणनीति मानते थे। पर वे अक्सर धर्म, नैतिकता और अन्तरात्मा की आवाज की बात करते थे। दूसरे सुभाष बोस उग्र राष्ट्रवादी और समाजवादी थे। १९३८ में जब वे कांग्रेस के अध्यक्ष हुये तब उन्होंने योजना आयोग बना दिया। यह समाजवादी दिशा का संकेत था। गांधीजी इस तरह के समाजवाद में विश्वास नहीं था। सबसे बड़ी बात यह कि कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता वल्लभ भाई पटेल, डॉ राजेन्द्र प्रसाद वगैरह दक्षिणपंथी थे, समाजवाद विरोधी थे। इनके बिना न कांग्रेस संगठन चल सकता था , न आन्दोलन। नेहरू स्वयं समाजवादी थे। पर वे यह भी जानते थे कि इन दक्षिणपंथी राजनेताओं के साथ तालमेल बिठाकर चलता चाहिये। कांग्रेस में समाजवादी बहुत कम थे। कम्युनिस्ट छोड़ गये थे और १९२५ में ही कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना कर ली थी। सुभाष बोस चाहते थे कि नेहरू उनके पथ के बीच न आयें, पर नेहरू व्यवहारिक राजनीति के हिसाब से बीच में रहे आते थे। गांधी जी और सुभाष बोस में मुख्य मतभेद विचारधारा का था।
इसीलिये उनके खिलाफ़ एक दक्षिणपन्थी पट्टाभि सीता रमैया को खड़ा किया गया। सीता रमैया हार गये और गांधीजी ने कहा यह मेरी हार है। अब जब दक्षिणपन्थियों के बावजूद सुभाष बोस फ़िर कांग्रेस अध्यक्ष बन गये तब दक्षिणपन्थियों ने उन्हें प्रभावहीन करने के लिये एक तरकीब निकाली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में गोविन्द बल्लभ पंत से प्रस्ताव पास करा लिया कि सुभाष बाबू कार्यकारिणी गांधीजी की सलाह से बनायेंगे। इस पर सुभाष बाबू ने कांग्रेस छोड़ दी और ’फ़ार्वर्ड ब्लॉक’ संगठन बना लिया।
पर सुभाष बाबू का आदर गांधी जी के प्रति कम नहीं हुआ। आजाद हिन्द फ़ौज बनाकर जब वे भारत से बाहर अंग्रेजों से लड़ रहे थे , तब भी वे गांधीजी को ’राष्ट्रपिता’ कहते थे।
-परसाई
- राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित ’पूछो परसाई से’ किताब से
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन डॉ. सालिम अली - राष्ट्रीय पक्षी दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteसुभाष चन्द्र बोस के जीवन पर प्रकाश डालती सार्थक पोस्ट
ReplyDelete