Friday, July 02, 2021

जहां-जहां उपस्थित हो तुम

 जहां-जहां उपस्थित हो तुम ,
वहां-वहां बंजर कुछ नहीं रहना चाहिए ,
निराशा का कोई अंकुर फूटे,
तुम्हें ऐसा कुछ नहीं कहना चाहिए|

-भवानी प्रसाद मिश्र

No comments:

Post a Comment