समय के साथ अम्मा के साथ हम लोगों के सम्बन्ध दोस्ताना होते गये। हमारा छोटा बच्चा उनके बगल से गुजरते हुए उनकी बाल/चोटी बिगाड़ देता। वो हवा में अपने हाथ हिलाती उसकी पिटाई के लिए। हम अक्सर उनके गाल नोच लेते। वे अरॆऎऎ कहते हुए अपना सबसे जरूरी काम उसी समय बता देतीं।कभी चूकती नहीं थीं।
एक दिन वे बगल से लड़खड़ाती हुई सी गुजर रहीं थीं। हमने मजे लेने के लिए उनको बगल से धकिया दिया। वे सँभलते-संभलते फर्श पर गिर गयीं। दर्द से कराहने लगीं। हम फ़ौरन उनको उठाकर डाक्टर के पास ले गए। फ्रैक्चर तो नहीं था लेकिन पूरी तरह ठीक होने में महिना लग गया। उस दिन मुझे पहली बार एहसास हुआ कि अम्मा कितनी कमजोर हो गयीं हैं। तबसे हमारे लिए एकदम छुईमुई सी सहेजने वालीं अम्मा हो गयीं। अपने निजी काम और पूजा पाठ के अलावा और कोई काम के लिये एकदम पाबंदी सी लग गयी। लेकिन वे हमेशा चुपके से कोई न कोई काम करने लगती। कभी चादर भिगो देतीं। कभी रसोई में। कभी कुछ बीनने,सफाई करने में। यह सब वे चोरी-चोरी,चुपके-चुपके करतीं। जैसे ही कोई टोकता तो वे ऐसे 'पोज' करतीं जैसे बस अभी काम को हाथ लगाया है।
अपना होना सार्थक करतीं रहतीं थीं अम्मा। हरदम किसी न किसी तरह अपनी मौजूदगी का एहसास करातीं रहतीं थीं अम्मा।
जब उनकी बीमारी की खबर आई तो हम उनके पास गये। पत्नी,भाई,भतीजे सबको रोक दिया। डाक्टर ने जबाब दे दिया था लेकिन मुझे भरोसा था कि वे जियेंगी। इंदौर में तबियत ठीक होने लगी तो मुझे अपना भरोसा सही साबित होता लगा। लेकिन हुआ कुछ अलग ही। अम्मा चलीं गयीं।
अब सोचते हैं तो लगता है कि अम्मा शायद अपनी तैयारी से आईं थीं। मेरा भाई नन्हें उनके साथ सालों रहा था। वे उसको सेवा का मौका देने गयीं थीं। बहू उनके बिना रह सके इसका अभ्यास करने का एक महीने का समय दिया। वे शायद बुरहानपुर में ही विदा होने वालीं थीं लेकिन उनको याद आया होगा कि इस बार मैं उनसे दो महीने से मिला नहीं इसलिए हमको अपने पास बुलाकर एक हफ्ते अपने पास मौका दिया साथ रहने का।
कानपुर लाये अम्मा को तो पत्नी ने मुझे झकझोरते हुए कहा-"तुम उनसे मुझे मिलवाया क्यों नहीं।"
पता नहीं कैसे मुझे उस समय हंसी सी आई।मैंने कहा-"अम्मा तुममें, हममें, सबमें समां गयीं हैं।"
बाद में मैंने घर में लोगों से कहा- "अम्मा को चलने फिरने में तकलीफ होने लगी थी। इसलिए उन्होंने हवा की सवारी कर ली है। अम्मा पहले हाई-फाई थीं। अब वाई-फाई हो गयीं हैं। सबके नेटवर्क उनसे जुड़े हुए हैं।"
अम्मा का दाह संस्कार करने के बाद हम अपने भाई के साथ वह कमरा देखने गये जहां अम्मा ने हमलोगों को पाल-पोस कर बड़ा किया। एक कमरे के उस घर का एक-एक कोना देखा जिसमें अम्मा की हुकुमत थी। एक खिड़की वाले कमरे का वह कोना निहारा जिसके पास बैठकर अम्मा जाड़े के दिनों में खाना बनाती थीं। मुझे ताज्जुब हुआ कैसी कलाकारी और हौसले से हमारी अम्मा ने बड़ा किया होगा अपने सब बच्चों को।
हमारी अम्मा दुनिया की अनगिनत माँओं की तरह ,एक आम माँ होते हुए भी , हर आम माँ की तरह एक खास, सबसे खास, माँ थीं जो अपने बच्चों को चाँद की तरह पालती है।कविता पंक्तियाँ याद आ गयीं:
राजा का जन्म हुआ तो
उसकी माता ने चाँद कहा,
एक भिखमंगे की माँ ने भी,
अपने बेटे को चाँद कहा।
दुनिया भर की माताओं से
आशीषें लेकर जिया चाँद।
अम्मा की स्मृतियाँ हमारे साथ हमेशा रहेंगी। वे जब गयीं थीं तो घर से दूर थीं। हमें लगता है कि वे धीरे से दरवाजा खोलकर कमरे में घुसेंगी और जहाँ से आयीं हैं वहां के किस्से सुनाना शुरू कर देंगी।
काश ऐसा संभव होता।
ऊपर उस कमरे का लेटेस्ट फोटो जहाँ हमारा बचपन गुजरा। हम बड़े हुए।
- रचना रचना apni maa kae saath hun yahi sab apnae yahaan roj hotaa haen , maa kab budhi ho jaati haen pataa nahin chaltaa haen aap hamesha unko aesae hi yaad kartae rahey kyuki wo to aap ko yaad hi kartii hongi daekhtii bhi hongi , is gamgeen mahol mae bhi aap ki haa haa hii hii haen yae aap sabit kartaa haen aap ander aur bahar sae ek sae haen aur yae sanskaar jisne aap ko diyae haen wo ab hamarey beech mae nahin haen naman unko
- Anurag Arya Sanjay Vyas की एक बात मुझे याद है मनुष्य से जुडी वस्तुये भी मनुष्य की अनुपस्थिति का निरंतर अहसास दिलाती है !
आप अपने आप में एक अलग व्यक्ति है अनूप जी ! - Bhopal Singh Bahut lucky hai ye mitti.Yahi to wah jagah hai jahan logon ke thake hua hath perfection ke liye uthte hai.
- Dhiru Singh आप खुशनसीब है जो इतने समय तक माँ का सानिध्य आपको मिला । मेरी माँ तो सिर्फ 20 साल भी साथ न रही ।
- Lata R. Ojha Pranam bhai...aapka peeda sahne ka apna anootha tareeka hai..sach maa hamesha khaas hi hoti hain..kitni gahri baat kahi aapne,Amma pehle hi fi theen ab wi fi hain..sach har sadasya se wo sadaa ke liye aatmik roop mein judi hain.. __/\__
- Alkaa Dhoundiyal So sorry to learn of the sad news. Would only repeat what your own words convey that her pious blessings will always remain with her loved ones. Your above words so truthfully portray motherhood at its best and really touch the core of the heart especially the lines"....har aam maa ki taraha ek khas maa...". My prayers to God that the departed soul rests in peace.
- पूर्णिमा वर्मन अनूप, कितना सुंदर लिखते हैं आप... अम्मा तो आपके शब्दों में जी गईं... अमर रहेंगी। बिछोह को ऐसे सहना भी एक कला है... योगियों को मिलती है... आप सदा मजबूत बने रहें, आपकी मजबूती से दूसरों को भी बल मिलेगा।
- Shree Krishna Datt Dhoundiyal May God bless her soul with peace.Parents never die; they are always alive in their children.
- Girish Singh Neeraj Goswamy नीरज भैया ये मेरी माई हैं...मुझे तो लगता हैं, अनूप भैया की अम्मा और ये मेले में बिछड़ी बहने तो नहीं ...जब से अम्मा का वृतांत पढ़ रह हूँ...कई समानता नजर आ रही हैं ...पांच महीने साथ रह कर पिछले सप्ताह बनारस घर गयी ...पता नहीं मन में डर सा बना रहता हैं ..कही ये अंतिम मुलाकात तो नहीं थी
- Veronica Uqba Abhi bahut si batein yaaf aayengi....jaane ke baad hi jaanewale ki ahmiyat aur kami ka ahsaas hota hai....bahut si ankahee baatein....sab rahe jaati hain...ma ek aam mahila ho sakti hai par woh ek aam ma nahi hoti maa khaas aur anmol hoti hai.
- Neeraj Goswamy Girish Singh Bhai Amma ki lambe aur swasthy jiivan ki dua karta hoon ...aap nischint rahen unhen kuchh nahin hoga...
- Rekha Srivastava Amma gayi kahan hai? samajh leejiye ki amma doosare bhai ke paas hain aur vo samajhe ki aapke paas hain . ye yaaden to shesh jeevan kee dharohar hain kyonki maan sirph ek baar door jati hai aur maan jaisa koi doosara nahin hota .
- Tarun Kulshrestha bt acha likha sir,mahan ha aapki maa or aap kaha se kaha tak ka safar tai kia hai aapne phir bh apko apni roots yaad ha.aap ne himmat dikhayi or purane dino ko sabke sath share kia really nice
- अरुण अरोड़ा घर और मा , हमारी हो आपकी है सारी एक जै सी ।पैर मे राड रीढ की हड्डी मे दो फ्रैक्चर , छाती की पाच हड्डियों टूटी हुई लेकिन बिना सहारे के चलते हुये कुछ ना कुछ करने के जुगाड मे लगी हुई
- Rachana Tripathi वाई-फाई जो हमेशा आपके साथ रहेगा हर घडी हर पल..सो फिक्कर नाट।
हंसा-हंसा कर रुला मारने वाला अंदाज भी अच्छा ह ै - Virendra Bhatnagar आपकी इस पोस्ट को पढ़ने के बाद मुझे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे । अम्मा तो ख़ैर एक स्नेहमयी माँ थीं ही लेकिन देख पा रहा हूँ कि कई वर्षों तक आपके सम्पर्क में रहने के बाद भी आपके व्यक्तित्व के अनेक आयामों से मैं अभी तक अपरिचित ही था। माताजी को पुनः नमन और आपको भी प्रणाम
- Gaurav Srivastava ओह सर , बहुत भावुक कर दिया आप ने , सुबह पढ़ चुका था , अभी फिर से पढ़ा , पढ़ते पढ़ते आँखों में आंसू आ जाते हैं।
- Dinesh Duggad Subah aati hai raat jaati hai
Yunhi waqt chaltaa hi rehata hai rukata nahin
Ek pal mein ye aage nikal jaata hai
Aadami theek se dekh paataa nahin
Aur parde pe manjar badal jaataa hai - Sheel Kumaar अम्मा से घर, घर लगता है घर में घुली, समाई अम्मा ।दुःख थे पर्वत, राई अम्मा हारी नहीं लड़ाई अम्मा । इस दुनियां में सब मैले हैं किस दुनियां से आई अम्मा । दुनिया के सब रिश्ते ठंडे गरमागर्म रजाई अम्मा । जब भी कोई रिश्ता उधड़े करती है तुरपाई अम्मा !!! पिछले कई दिन से ये पंक्तियाँ मन में घुमड़ रही थीं ....माँ का अवसान मन को अधैर्य देता है पर जिस धैर्य से आपने यह संताप सहा है , वह अन्यों को दृष्टि देगा .....ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे !!!ॐ ,ॐ ,ॐ, (अल्पना जी के वाल से साभार प्रो.छिब्बर कि पंक्तियाँ)
- Mazhar Masood उनकी मौजूदगी का एहसास हर लम्हा रहे गा मगर दुनिया के कामों में उलझ कर वह कम हो जाए गा मगर शुक्ल जी जब आप हमारी उम्र के हों गे तब माँ की बहुत याद आती है और खोने का अहसास अपनी ग़लतियाँ शिददत से महसूस होती हैं
- Sunil Chaturvedi अम्माजी हम सभी को अजीज थी,आप से उनका बिछोह एक दु:स्वप्न ही है,आप का वियोग असहनीय है। इश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और आप को इसे सहन करने की शक्ति दे।
- Upendra Vasishth Iofs Ndc Panditji, your Mom was lucky to have a son like you who can express so nicely like a flowing river. In fact we all have similar feeling for our Moms (it may differ in case of Dads) but we never express these. God bless you.
- Ojha VD sir ji aapki har post se mera man halka aur aandit ho jata tha lekin is post se to aapne rula diya. kya kahoon bahut dukh ho raha hai ishwar unki aatma ko shanti pradan kare
- DrShobha Singh माँ का स्थान तो सर्वोच्च होता है माता जी के चले जाने का हमें भी दुख है सर कभी उनसे मिलने का सौभाग्य तो नहीं मिला परन्तु गुप्ता जी ने उनके उदार एवं निश्छल स्वाभाव के बारे में काफी बताया था.
- Shailendra Kumar Jha Kal "johra-ba' bhi panch-tatwa me vilin ho gayeen.............'lagta hai amma ko akela man nai lag raha tha' .................pata nahi 'dono' mili ka kya batiya rahi hogi..........
- Anil Srivastava Anup, your description are very heart touching. I cried my heart out for demise of Ammaji. May her soul rest in peace.
- Hari Jaipur mujhe jaane kyu lagta hai aapne ab tak jo likha vo sirf likhad hone ka abhyas tha. amma ke bahaane ishwar aapse sahitya likhwa raha hai.
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