आज सर्वहारा पुलिया पर ये नौनिहाल मिले। राकेश कक्षा 8 में पढ़ते हैं और रश्मि कक्षा 6 । एक ही स्कूल में पढ़ने वाले दोनों बच्चे एक ही बस्ती में रहते हैं।आज स्कूल जाने में देरी हो गयी तो स्कूल से भगा दिए गए। घर जा नहीं रहे इस डर से कि वहां डांट पड़ेगी। मैंने समझाया -"घर जाओ बेटा। बता देना।"
बच्ची पेड़ की पत्ती मोड़-तोड़ रही थी। बच्चा सोच रहा था कुछ। एक ही स्कूल में पढने वाले ,एक ही मोहल्ले में रहने वाले, एक ही सजा पाए बच्चे एक ही पुलिया पर चुप बैठे थे। आपस में बात भी नहीं कर रहे थे।
दफ्तर आने में देरी हो रही थी। मैं चला आया उनको समझाकर ।बच्चे पता नहीं घर गए कि वहीं बैठे होंगे।
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