Thursday, September 23, 2021

फिर नई सुबह होगी



फिर घना कोहरा छंटेगा,
फिर नया सूरज उगेगा,
फिर नई कली खिलेगी,
फिर नई मंजिल मिलेगी।
फिर नया रास्ता होगा,
फिर नई दास्तान होगी,
हो उदास न मेरे मुसाफिर,
दुखों की इमारत तबाह होगी।
फिर नई सुबह होगी।
--- अनन्य शुक्ल Anany Shukla

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