फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
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Friday, September 10, 2021
सुबह से मेरी तारीफ़ों के पुल
सुबह से मेरी तारीफ़ों के पुल उसने बांध रखे हैं
इतना उतर गये हैं हम, उसकी निगाह से !
-कट्टा कानपुरी
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