Thursday, September 26, 2024

हम बता रहे हैं न



हमारे एक मित्र हैं। हमेशा बेसिरपैर की बात करते हैं। ग़ज़ब महारत हासिल है उनको ऊलजलूल हांकने में। जिस दिन क़ायदे की बात करते करते हैं, लगता है कोई और घुस गया उनके शरीर में।
दोस्त लोग उनकी बेसिरपैर की हांकने की कला से बहुत प्रभावित हैं। कुछ तो कहते हैं किसी पार्टी में चला जाता, कोई सेठ पैसा लगता इसके पीछे तो यह भी कहीं माइक के सामने खड़ा भाइयों-बहनों कर रहा होता।
आँय-बाँय-साँय बात कहने के लिए उसको न किसी टेलीप्रामप्टर की ज़रूरत होती है न किसी आँकड़े की। वह बस कह देता है। कोई सवाल करता है तो कहता है -'हम बता रहे हैं न!'
हमने सुझाया -‘तुम भी गारंटी दे दिया करो अपने जुमले की।’
‘अब गारंटी चलन के बाहर हो गई है। न कोई देता है न कोई मानता है।’- मित्र ने थके मुँह से बताया।
'हम बता रहे हैं न!' कहने का अन्दाज़ उसका ऐसा होता है कि उसने जो कहा उसको मान लेने में ही हमारी भलाई है। न मानने पर वह ग़ुस्सा होकर रोने लगता है । जुमलेबाज़ी बंद कर देने की धमकी तक दे देता है। हमको लगता है कि अगर इसकी जुमलेबाज़ी बंद हुई तो यह जी नहीं पाएगा। एक हत्या का कलंक अनजाने हम पर लगेगा।
दोस्त अक्सर इतनी उलज़लूल हांकता है कि डर लगता है। कोई बड़ा हाँकू समझेगा कि उसकी सीट को ख़तरा है। उससे बड़ा हाँकू बन जाएगा। निपटा दिया जाएगा।
खबरें देखकर,ख़ासकर चुनाव के समय मित्र इतनी अटपटी बयानबाज़ी करता है कि चैनल वाले शर्मा जाएँ। उसकी घोषणाएँ हमेशा ऊँचे दर्जे की रहती हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के नीचे बात नहीं करता। बहुत हुआ तो मुख्यमंत्री तक आ जाता है। ऊँचें लोग, ऊँची गप्प घराने की हांकता है।
यह पोस्ट आज लिखनी शुरू की थी। आगे की पोस्ट एआई से लिखवाएँगे। देखते हैं क्या लिखता है? आप बताओ क्या लिख सकता है एआई? एआई मतलब आप वो वाला मतलब मती समझना जो माननीय ने हाल में बताया है -'एआई मतलब -अमेरिका इंडिया।'
उस बात को सुनकर भी दोस्त ने मज़ेदार बात कही थी। आप कल्पना करके बताओ क्या कहा होगा उसने?

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