सुबह की साइकिल सैर से लौटते हुए विचार बना चाय पी जाए। मोहित जी ने साइकिल रोकी खिरनी बाग के पास स्थित चाय की दुकान पर। बताया पूरी कचहरी में चाय यहाँ से जाती है। दुकान का नाम पप्पी टी स्टॉल।
कचहरी की बाउंडरी से करीब आधा किलॉमीटर दूर तो होगी ही दुकान।
पता चला 1984 से चल रही है दुकान। पिताजी फ़ैक्ट्री से रिटायर हुए उसके बाद खोल ली दुकान। तब से चल रही है।
मुँह में मसाला बराबर करते, बग़ल ने अदरक कूटते और खौलती चाय को चम्मच से दुलराते हुए अपनी दुकान और चाय के किससे मुस्कुराते हुए सुनते रहे पप्पी।
शाहजहाँपुर की दो चीज़ फ़ेमस हैं। यहाँ की क़ालीन और दूसरी पप्पी की चाय। बाद में बताने वाले ने प्रसिद्ध नेता , बाबा साहब के नाम से प्रसिद्ध, स्वर्गीय जितेंद्र प्रसाद जी का नाम जोड़ दिया।
हमने क्रांतिकारी शहीदों बिस्मिल, अशफ़ाक और रोशन सिंह जी की याद दिलाई तो वे बोले - वे तो सबसे पहले हैं।
बात घूमते हुए राजनीति पर आ गयी। तमाम उठापटक के बाद तय हुआ -“आज का वोटर बहुत चालाक हो गया है। अपना वोट ख़राब नहीं करना चाहता। उसी को वोट देता है जिसकी सरकार बनने की गुंजाइश हो या जो जीतने वाला हो । “
इसी बात से यह भी निष्कर्ष निकला -“जनप्रतिनिधि भी समझदार हो गए हैं। वे विचारधारा और जनता से जुड़ाव जेब में रखकर उसी पार्टी से जुड़ते हैं जहां से उनको टिकट मिल सके और वे कोई मंत्री पद पा सकें।”
एक चाय पर इतना ज्ञान मिलना बहुत है ।
https://www.facebook.com/share/p/EvZM945gc2FFnVzr/
No comments:
Post a Comment