Sunday, January 29, 2023

अमेरिका में घर बदलाई

 


पिछले दिनों बेटे ने घर बदला। अपने साथी के साथ दो साल फॉस्टर सिटी में रहने के बाद नया घर सनीवेल में लिया। नया घर दोनों के ऑफिस से पास पड़ता है। अगल-बगल मार्केट है। यह मुख्य कारण रहा नए घर में आने का।
शिफ्टिंग के लिए सुबह-सुबह दो लोग आये। ट्रक और शिफ्टिंग के लिए ट्राली साथ में। आते ही जुट गए। किचन का सामान, कपड़े और बाकी घरेलू सामान हम लोग पहले ही डब्बों में रख चुके थे। सिर्फ बड़ा सामान जैसे बेड, टीवी, सोफा आदि खोलना और पैक करना और लादना बाकी रह गया था।
शिफ्टिंग करने वाले लोगों ने पैक किया हुआ सारा सामान हाथ ट्राली में लादकर लिफ्ट से नीचे उतारा। ट्रक में चढ़ाया। ट्रक का डाला हाइड्रॉलिकली ऑपरेटेड था। सड़क के बराबर रखा डाला बटन दबाते ही ऊपर उठकर ट्रक के बराबर आ जाता। वो लोग ट्राली में सामान लिए-लिए डाले पर खड़े होते। बटन दबाते ही डाला ऊपर उठता। वो ट्राली का सामान ट्रक में सरका कर अगला सामान लादने चल देते।
दोनों शिफ्टिंग वाले चीनी थे। न उनको अंग्रेजी समझ में आती न हम चीनी बूझते। लेकिन काम दोनों को पता था। चालू था।
टीवी खोलने से पहले शिफ्ट करने वाले ने कुछ कहा। चीनी में। हमको समझ नहीं आया। कुछ देर अंग्रेजी और चीनी में कुश्ती होने के बाद भी बात पल्ले नहीं पड़ी। अचानक उनमें से एक ने झटके से जेब में हाथ डाला। मोबाइल निकाला। उसमें कुछ टाइप किया। टाइप किया हुआ मसौदा चीनी में था। समझ नहीं आया। उसने गूगल ट्रांसलिट्रेशन पर टाइप किया हुआ मसौदा चिपकाया और ट्रांसलेट का बटन दबाया। अंग्रेजी में लिखा हुआ आया -'टीवी आन करके चेक करवा लो।' वह टीवी पैक करने के पहले देखना चाहता था कि टीवी ठीक है कि नहीं। कहीं ऐसा न हो, कंडम टीवी ले जा रहे हों और वहां जाकर कहें -'शिफ्टिंग में टीवी खराब हो गया।'
बेड जो कि बड़ा लगता था , नट बोल्ट पर लगा था। पांच मिनट में खुल गया। घर का सारा सामान ढाई - तीन घण्टे में पैक होकर लद गया। वो लोग नई जगह का पता लेकर चल दिये। आधे घण्टे में 38 किलोमीटर दूर घर नई जगह पर पहुंच गए।
पहुंचते ही सारा सामान उतार कर सोफ़ा, बेड, टीवी लगाकर उन लोगों काम निपटा दिया। सारा काम शुरू से लेकर खत्म होने तक साढ़े पांच घण्टे में निपट गया। इन साढ़े पांच घण्टे में उन लोगों ने न कुछ खाया न पिया। पानी तक नहीं पिया। बस काम में लगे रहे। यह इस तरह का पहला अनुभव था हमारा।
शिफ्टिंग का भुगतान घण्टे की दर से हुआ। शिफ्टिंग चार्जेज 100 डॉलर प्रति घण्टे था। उसके ऊपर 10 डॉलर प्रति व्यक्ति प्रति घण्टा टिप के। साढ़े पांच घण्टे की दो लोगों की टिप हुई 110 डॉलर। इस तरह लेबर चार्ज हुआ 660 डॉलर। 45 डॉलर ट्रक का किराया। 20 डॉलर की और टिप कुल मिलाकर साढ़े पांच घण्टे के 725 डॉलर लगे (59100 रुपये)।
सवाल यह कि घर बदलने में जब इतना पैसा लगता है तो घर का किराया कितना होता होगा। अमेरिका (कैलीफोर्निया) में घर बहुत मंहगे हैं। दो कमरे , किचन, ड्राइंग रूम वाले घर के किराए 3 से 4 लाख रुपये महीने हैं। इस इलाके में ज़्यादतर नौकरी करने वाले लोग रहते हैं। सबसे ज्यादा ख़र्च घर के किराए पर लगता है। घर खरीदने की बात सोचना तो लोगों के लिए बहुत दिनों तक सपना ही रहता है।
सामान उतारने के बाद दोनों लोग चले गए। हम लोगों ने जुटकर रात तक सब सामान जमा लिया। एक दिन में घर बदलने और लगाने का यह नया और अनूठा अनुभव था।
नये घर के सामने ही बहुत बड़ा रिहायशी कॉम्प्लेक्स बन रहा था। मज़दूर लोग हेलमेट लगाये काम कर रहे थे। शाम के पाँच बजते ही काम बंद हो गया। ऊँची क्रेन पर अमेरिका का झंडा पहरा रहा था। हमको अपना राष्ट्र ध्वज याद आ रहा था। याद आ रहा था श्याम लाल गुप्त ‘पार्षद’ जी का झंडा गीत-
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

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