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रेलवे में खराब खाने की शिकायत
By फ़ुरसतिया on June 10, 2013
कल
सुबह अखबार में खबर पढ़ी कि अगर ट्रेन में खाने की क्वालिटी खराब है तो
यात्री इसकी शिकायत टोल फ़्री नंबर पर कर सकेंगे. रेलवे ने यात्रियों की
सुविधा के लिये टिकट पर ही यह नंबर प्रिंट करना शुरु कर दिया है. यात्री
सुबह 7 से रात 10 तक शिकायत कर सकेंगे. शिकायत सही मिली तो संबंधित कैटरर्स
या वेंडर पर जुर्माना किया जायेगा.
साफ़ है कि यह सुविधा उन यात्रियों को असुविधा देने के लिये है जो टिकट लेकर यात्रा करने को बेवकूफ़ी समझते हैं. टीटी और बेटिकट यात्रियों के सद्भाव को खतम करने की साजिश है. वो तो कहो अच्छा हुआ कि रात दस के बाद शिकायत की सुविधा नहीं है वर्ना रेलवे के सारे टी.टी. अब तक हड़ताल पर निकल लिये होते.
जब कभी यह सुविधा शुरु होगी तो यात्रियों को होने वाली असुविधाओं की कल्पना कीजिये. अव्वल तो रेलवे में कभी इत्ती देर तक लगातार नेटवर्क ही नहीं मिलेगा कि आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकें. एक बार नंबर डायल करेंगे तो घंटी जाते ही नेटवर्क कट जायेगा. अगली बार शायद आपको सुनाई दे -नमस्कार, रेलवे की खराब खाने की शिकायत सुविधा में आपका स्वागत है. स्वागत के साथ ही कनेक्शन विदा हो जाये. मान लीजिये कभी फ़ोन लग भी गया तो शिकायत का सीन क्या होगा उसकी कल्पना करते हैं.
टोल फ़्री नंबर लग जाने पर आपको सुनाई देगा- नमस्कार रेलवे की खराब खाना शिकायत केन्द्र में आपका स्वागत है. हिन्दी में शिकायत दर्ज कराने के लिये एक दबायें. टु रजिस्टर कम्प्लेन इन इंग्लिश प्रेस टू.
आप एक दबाकर जैसे ही आगे बढ़ें. तो सुनाई देगा- नाश्ते की शिकायत के लिये एक दबायें, दोपहर के खाने की शिकायत के लिये दो दबायें, रात के भोजन की शिकायत के लिये तीन दबायें.
आप तीन दबाकर जैसे ही आगे बढ़ें तो शायद आपको सुनाई देगा- शाकाहारी खाने की शिकायत के लिये एक दबायें, मांसाहारी भोजन की शिकायत के लिये दो दबायें.
आप शाकाहारी विकल्प लेते हुये जैसे ही आगे बढें तो आपके लिये नया विकल्प मेनू मिलेगा. रोटी की शिकायत के लिये एक दबायें, सब्जी की शिकायत के लिये दो दबायें, चावल की शिकायत के लिये तीन दबायें, दाल के लिये चार, अचार के लिये पांच दबायें, सलाद के लिये छह दबायें, अन्य के लिये सात दबायें.
आपको चूंकि दाल और रोटी ठंडी मिली है अत: आप एक क्षण को किंतविमूढ होकर सोचते हैं कि विकल्प में एक दबायें कि चार. फ़िर झटके से चार दबाकर आप आगे बढ़ते हैं और एक मधुर आवाज आपका स्वागत करती है- रेलवे खराब खाने की शिकायत सुविधा से मैं स्मिता आपकी किस प्रकार सहायता कर सकती हूं? आप स्मिताजी को बताते हैं कि आपको जो दाल परोसी गयी है वह ठंडी है. स्मिता जी आपसे शायद कहेंगे- सर जी इस विकल्प में दाल की खराबी की शिकायत दर्ज की जाती है. ठंडे/गर्म की शिकायत के लिये आप कृपया शुरु से शुरु करके फ़िर सात का बटन दबायें. अन्य वाले विकल्प में जायें.
दाल ठंड़ी होने की शिकायत दर्ज करने के लिये जब आप दुबारा अन्य वाले विकल्प तक पहुंचे तो शायद कोई किन्हीं सरिताजी की मधुर आवाज में आपको सुनाई दे -क्षमा करें खराब खाने की शिकायत दर्ज कराने की सुविधा रात्रि के दस बजे तक ही उपलब्ध है. अपनी शिकायत कल प्रात: सात बजे से दर्ज करायें. रेलवे का खाना खाते हुये हमें सेवा का अवसर देने के हम आपके आभारी हैं. आशा है आपकी यात्रा सुखद रही. आपसे अनुरोध है कि हमें फ़िर सेवा का मौका दें.
ठंडी दाल की शिकायत दर्ज करने में मिली असफ़लता बोध से गर्माते हुये आपको यह सोचकर सुखद एहसास होने लगेगा कि रेलवे अपने खाने में छप्पन भोग नहीं परोसता.
साफ़ है कि यह सुविधा उन यात्रियों को असुविधा देने के लिये है जो टिकट लेकर यात्रा करने को बेवकूफ़ी समझते हैं. टीटी और बेटिकट यात्रियों के सद्भाव को खतम करने की साजिश है. वो तो कहो अच्छा हुआ कि रात दस के बाद शिकायत की सुविधा नहीं है वर्ना रेलवे के सारे टी.टी. अब तक हड़ताल पर निकल लिये होते.
जब कभी यह सुविधा शुरु होगी तो यात्रियों को होने वाली असुविधाओं की कल्पना कीजिये. अव्वल तो रेलवे में कभी इत्ती देर तक लगातार नेटवर्क ही नहीं मिलेगा कि आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकें. एक बार नंबर डायल करेंगे तो घंटी जाते ही नेटवर्क कट जायेगा. अगली बार शायद आपको सुनाई दे -नमस्कार, रेलवे की खराब खाने की शिकायत सुविधा में आपका स्वागत है. स्वागत के साथ ही कनेक्शन विदा हो जाये. मान लीजिये कभी फ़ोन लग भी गया तो शिकायत का सीन क्या होगा उसकी कल्पना करते हैं.
टोल फ़्री नंबर लग जाने पर आपको सुनाई देगा- नमस्कार रेलवे की खराब खाना शिकायत केन्द्र में आपका स्वागत है. हिन्दी में शिकायत दर्ज कराने के लिये एक दबायें. टु रजिस्टर कम्प्लेन इन इंग्लिश प्रेस टू.
आप एक दबाकर जैसे ही आगे बढ़ें. तो सुनाई देगा- नाश्ते की शिकायत के लिये एक दबायें, दोपहर के खाने की शिकायत के लिये दो दबायें, रात के भोजन की शिकायत के लिये तीन दबायें.
आप तीन दबाकर जैसे ही आगे बढ़ें तो शायद आपको सुनाई देगा- शाकाहारी खाने की शिकायत के लिये एक दबायें, मांसाहारी भोजन की शिकायत के लिये दो दबायें.
आप शाकाहारी विकल्प लेते हुये जैसे ही आगे बढें तो आपके लिये नया विकल्प मेनू मिलेगा. रोटी की शिकायत के लिये एक दबायें, सब्जी की शिकायत के लिये दो दबायें, चावल की शिकायत के लिये तीन दबायें, दाल के लिये चार, अचार के लिये पांच दबायें, सलाद के लिये छह दबायें, अन्य के लिये सात दबायें.
आपको चूंकि दाल और रोटी ठंडी मिली है अत: आप एक क्षण को किंतविमूढ होकर सोचते हैं कि विकल्प में एक दबायें कि चार. फ़िर झटके से चार दबाकर आप आगे बढ़ते हैं और एक मधुर आवाज आपका स्वागत करती है- रेलवे खराब खाने की शिकायत सुविधा से मैं स्मिता आपकी किस प्रकार सहायता कर सकती हूं? आप स्मिताजी को बताते हैं कि आपको जो दाल परोसी गयी है वह ठंडी है. स्मिता जी आपसे शायद कहेंगे- सर जी इस विकल्प में दाल की खराबी की शिकायत दर्ज की जाती है. ठंडे/गर्म की शिकायत के लिये आप कृपया शुरु से शुरु करके फ़िर सात का बटन दबायें. अन्य वाले विकल्प में जायें.
दाल ठंड़ी होने की शिकायत दर्ज करने के लिये जब आप दुबारा अन्य वाले विकल्प तक पहुंचे तो शायद कोई किन्हीं सरिताजी की मधुर आवाज में आपको सुनाई दे -क्षमा करें खराब खाने की शिकायत दर्ज कराने की सुविधा रात्रि के दस बजे तक ही उपलब्ध है. अपनी शिकायत कल प्रात: सात बजे से दर्ज करायें. रेलवे का खाना खाते हुये हमें सेवा का अवसर देने के हम आपके आभारी हैं. आशा है आपकी यात्रा सुखद रही. आपसे अनुरोध है कि हमें फ़िर सेवा का मौका दें.
ठंडी दाल की शिकायत दर्ज करने में मिली असफ़लता बोध से गर्माते हुये आपको यह सोचकर सुखद एहसास होने लगेगा कि रेलवे अपने खाने में छप्पन भोग नहीं परोसता.
Posted in व्यंग्य | 4 Responses
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