घायल बिल्ली का बच्चा। पिछले पैर के घाव भी दिख रहे फ़ोटो में |
कल किसी ऐसी स्वयंसेवी संस्था की जानकारी के लिए लिखा जो बिल्ली के बच्चों की देखरेख करती हो।
दरअसल हमारी श्रीमतीजी पिछले महीने अपने स्कूल से एक लावारिश बिल्ली का बच्चा घर ले आईं। स्कूल से लौटते समय बच्चा उनके पास आ गया। पैरों पर लौटने लगा। शरणागत वत्सला की तरह वे उसे घर ले आईं।
बिल्ली के बच्चे का कमर के बाद के हिस्से में कोई गहरी चोट लगी है। शायद किसी ने घायल किया या कहीं गिरी होगी या दबी होगी। चोट के चलते वह आंशिक अपाहिज है। पिछले दो पैर घसीटते हुए आगे के पैरों पर चलती है।
एक जानवरों के डॉक्टर को दिखाया तो उसने कुछ मल्टीविटामिन दीं। डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को न्यूरो प्रॉब्लम है। घाव पर लगाने को कुछ दवाएं दीं। पिछले पैरों को जमीन पर घसीटकर चलने के कारण पैर में घाव हो गए हैं। उसको एक जगह स्थिर करके रखने के जुगाड़ किये। कुछ ठीक से होते दिखे घाव। लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं हुए।
कल देखा उसे तो उसका एक पंजा बुरी तरह घायल दिखा। शायद चीटीं या और कीड़ों ने घाव की जगह खा कर उसको बड़ा बना दिया है। बच्चा छूटते ही तेजी से भागने की कोशिश करता है। घिसट कर चलता है। घाव और गहरे होते जा रहे हैं। मियां बीबी दोनों को ही जानवर पालने का कोई अनुभव नहीं है। भावावेश में लाये बिल्ली के बच्चे की हालत देखकर दुख होता है।
चाहते हुए भी बिल्ली के बच्चे की देखभाल ठीक से न कर सकने के कारण ही मैंने किसी ऐसी संस्था के बारे में पूछा था जो बिल्ली के बच्चों की देखभाल करती हो। उसको अपने यहां रख सकती हो। इस संबंध में खर्च भी वहन करने को हम तैयार हैं।
आपकी जानकारी में कानपुर में ऐसी कोई संस्था हो तो उसकी जानकारी दें।
घायल बिल्ली का बच्चा। पिछले पैर के घाव भी दिख रहे फ़ोटो में।
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