अभी
दरवाजा खोला तो सूरज भाई दिखे। गरम कर दिया मिनट भर में। बोले -जब ठिठुरते
थे आगे-पीछे घूमते थे। अब जरा सर्दी कम हुई तो भाव बढ गयें हैं। दूर भागते
हो। तोताचश्म कहीं के! हमने कहा -अरे सूरज भाई आपके बिना किसका गुजारा? आओ
अन्दर चाय पीते हैं। सूरज भाई अन्दर मेज पर आकर चमकने लगे। फ़ोटो नईं और
गरम हो जायेंगे।
- Udan Tashtari, Praveen Pandey, Naveen Poswal और 35 अन्य को यह पसंद है.
- मधु अरोड़ा good morning. accha likha hai. hamare idhar tow informal hain suraj maharaj. chamak lete haiN.
- Dhirendra Pandey इतना सूरज भाई सूरज भाई करते हो ऐसा न हो किसी दिन जायदाद में हिस्सा बटाने की बात करने लगो |
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