सूरज भाई के साथ सुबह की चाय पीते हुये हमने उनसे पूछा- क्यों भाई दिल्ली से क्या कुछ नाराजगी है क्या? आजकल उधर कम जाते हो!
अरे यार, वहां राजनीति बहुत है। जाने का मन नहीं होता। तुम्हारे पास अच्छा लगता है इसलिये आ जाता हूं रोज। -चाय की चुस्की लेते हुये सूरज भाई बोले।
अरे यार, वहां राजनीति बहुत है। जाने का मन नहीं होता। तुम्हारे पास अच्छा लगता है इसलिये आ जाता हूं रोज। -चाय की चुस्की लेते हुये सूरज भाई बोले।
- Manish Kumar, Neerja Shukla, Krishna Kumar Jain और 38 अन्य को यह पसंद है.
- मधु अरोड़ा GM.aapke yanha surajbhai IIT mein politics ki padhai karne aaye haiN, isliye aapke ghar aa jaate hain chay peene.
- Anshu Mali Rastogi अपने सूरज भाई रूख थोड़ा बरेली की तरफ भी मोड़ दीजिए। यहां तो ठंड और कोहरे ने बैंड बजा रखी है आजकल। with Dhiru Singh G
- Shraddha Kumari आप सूरज से इतनी प्यारी प्यारी बातें करते हैं .. वो कहीं जाना ही नहीं चाहते .. दूसरों के हित के लिए एक दिन नाराज हो जाईये ..
- हेमा दीक्षित इसे कहते है धूप और रोशनी की राजनीति ... चाय की घूसखोरी ... केजरीवाल को पता लगा तो बस निपट जायेंगे ... दद्दा ...
No comments:
Post a Comment