आज सूरज भाई खेत में पौधों को दुलराते दिखे. प्याज के पौधे पर पसरी ओस की बूंद के गाल सहला दिए. बूँद ने सूरज भाई को हडका दिया. बोली - क्या करते हो दादा . कहीं मैं गिर जाती तो क्या होता? सूरज भाई सहम से गये. ओस की बूँद खिलखिलाने लगी. सूरज भाई उसको गुदगुदाने लगे.ओस की बूँद पौधे के बिस्तर पर लोटपोट होती रही. पत्तियां भी हिलहिल कर आनन्दित हो रहीं हैं. समूची कायनात अंगडाई लेते हुए जग रही है.
- Harivansh Sharma सूर्य स्तुति में लगे व्यक्ति ही तुम्हारी रक्षा-ओ को प्राप्त कर सकते है. उसने सब को आकर्षित कर लिया है.
- Tarun Kulshrestha namaskaar kanpur ma swagat ha,ek sooraj he ha jo aapko dono jagha apne darshan deta ha
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