आज #सूरज
भाई जरा और आराम से दिखे। हमने उलाहना दिया तो हंसने लगे। बोले यहां की
बात अलग है यार ! वहां जबलपुर में तो धड़ल्ले से कमरें में घुस आते हैं।
यहां घर है। सब तरफ़ से बन्द। फ़िर बरामदा भी। अन्दर कैसे आते? खिड़की से
इशारा कर रहे थे लेकिन तुम अलसाये पड़े रहे। खैर आओ तुमको आज बगीचे का नजारा
दिखाते हैं। इसके बाद तो सूरज भाई हमको हमारे ही बगीचे में गाईड सरीखा
घुमाते रहे। बोले देखो- ये फ़ूल ऐसा नहीं लग कि एकदम कि रोशनी के एंटीना
सरीखे खड़े हैं। सब रोशनी पहले ये रिसीव करेंगे फ़िर दुनिया
भर में ट्रांसमिट करेंगे। घास पर चमकती ओस की बूंदों को छूकर बताते हुये
बोले- पुराने जमाने में और आजकल नये-नये कविता लिखने वाले कवि लोग इनको
तुहिन कण कहते हैं। ओस की बूंदें सूरज भाई के छूने से खिलखिलाने लगीं।
इंद्रधनुष सा बन गया कईयों पर। फ़ूल, पौधे, पत्तियां, घास सब हिल-हिलकर
सूरज भाई के स्वागत में मुस्कराने लगे। सूरज भाई यह सब देखकर डबल मुस्करा
रहे थे। गजब जलवा है अगले का यार।
- Sanjay Khetan, Shailendra Kumar Jha, Salman Farooqui और 30 अन्य को यह पसंद है.
- Udan Tashtari खिड़की से झांकना...वो भी ऐसे दंपति के कमरे में..जो महिनों से बिछड़े हों...ये सूरज भी न...उज्जड़ बुढ़ापा काट रहा है...बच्चियाँ जवान हो गईं मगर हरकतें...क्या कहें..आप इसे ज्यादा मूँह न लगाओ..लक्षण ठीक नहिं दिखते मुझे इसके!
- Hari Jaipur Yaha to sooraj bhai hadtaal pe hain bole bank wale do din ki hadtaal pe to unke support mei ek din ki hadtaal banti hai. Comred sooraj zindabad.
- सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी गजब ढा रहे हैं सूरज भाई के बहाने आप सुकुल जी...।
सूरज को इसीलिए प्रत्यक्ष देवता कहा गया है। जो उनकी ओर ध्यान लगा ले वह भी देवतुल्य हो जाता है। - Manjeet Arora Ab bhai Sooraj Bhai ke baad Dhandhai /Sharbat Shuru karen waise AAM Aadmi sab pe leta hai,Sattu bhi Chalega.
No comments:
Post a Comment