कल सूरज भाई की जो बेईज्जती ख़राब की जहाज वालों ने उससे सूरज भाई सुबह से ही भन्नाये हुए हैं। एयरपोर्ट पर जहाज के ऊपर पाँव धरकर चमक रहे हैं।
रनवे और आसपास की धुप एकदम शांत है। अनुशासित।
परिचारिका बता रही है अब चलिए जबलपुर। चलो भाई।
- Krishn Adhar देख रहा हूं आप के विवरणों मे आप के अभिन्न मित्र(जिनसे आप काफी धौंसते हैं इसलिये वड़े अदव से पेश आते हैं)के वाद अगर सवसे ज्यादा जिक्र है तो किन्ही वालाओं ,परिचारिकाओं का है।वैसे मेरा वेटा भी जव आता है तो कुछ ऐसा ही...वात क्या है...।
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