ये अपनी दिहाड़ी कमाने निकली है कोई लोकसभा का पर्चा थोड़ी भरने निकली हैं जो चेले-चमचों की फ़ौज बोले तो अद्भुत जनसैलाब साथ में उमड़ पड़े। लेकिन सूरज भाई पूरी कायनात को संग लिए इनके साथ हैं। किरणों की कालीन बिछी हुई है इनके रस्ते में।
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- Sangita Mehrotra, Cp Mishra, Akhilesh Maurya और 31 अन्य को यह पसंद है.
- Harivansh Sharma व्यंग बाण अचूक है।
पर क्या करे कोई सरकार इत्ती बेशर्म है। बोलती तो बंद हो गई सुनती भी नहीं? - Krishn Adhar सूरज की किरणे ही इनके पावों मे ,फोटोसेल की तरह उर्जा भरतीं है यह इन सेल्स को जनम से साथ लातीं हैं....।
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